नई दिल्ली: केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिटर्न फाइल ना करने वाले डिफॉल्टरों पर सख्त होने जा रही है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी डिफॉल्टरों के संबंध में जीएसटी के अधिकारियों को सर्कुलर भेजकर अपनी मंशा को जाहिर कर दी है. इन जीएसटी अधिकारियों में प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर, चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर और डायरेक्टर जनरल शामिल हैं. सरकार अब जीएसटी डिफाल्टर्स की प्रापटी को भी अटैच करके बकाया जीएसटी की रिकवरी कर सकती है.


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क्या है सीबीआईसी का सर्कुलर
सर्कुलर में कहा गया है कि अगर कोई डिफॉल्टर कई बार नोटिस देने के बाद भी जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उस पर तुरंत कड़ा एक्शन लिया जाएगा. जीएसटी रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख के 3 दिन पहले ही उपभोक्ता को अलर्ट मिलेगा. अगर कोई डिफॉल्टर ड्यू डेट के 5 दिन अंदर जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उसको ई-मेल पर नोटिस भेजा जाएगा. जीएसटी की तरफ से भेजे गए इस ई-मेल में अगले 15 दिन के अंदर जीएसटी रिटर्न फाइल करना निर्देश होगा और अगर इसके बाद भी कोई डिफॉल्टर रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उसके लिए टैक्स असेसमेंट ऑर्डर जारी हो जाएगा. आपको बता दें कि इस असेसमेंट ऑर्डर के जारी होने के 30 दिन के अंदर डिफाल्टर ने जीएसटी रिटर्न नहीं भरा तो उस डिफॉल्टर की प्रॉपर्टी अटैच करके बकाया जीएसटी की रिकवरी की जा सकती है.


कौन है जीएसीटी डिफॉल्टर?


हर उपभोक्ता को महीने की 20 तारीख को GSTR-3A फाइल करना जरूरी होता है. अगर निश्चित समय पर कोई उपभोक्ता अपना जीएसटी रिटर्न नहीं फाइल करता है तो वह डिफाल्टर की श्रेणी में आ जाता है.