NITI Aayog News: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक करीब 3,000 अरब डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए दृष्टि-पत्र तैयार किया जा रहा है. ‘विजन इंडिया@2047’ दस्तावेज के मसौदे में उन संस्थागत एवं संरचनात्मक बदलावों एवं सुधारों की रूपरेखा रखी जाएगी, जिनकी देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए जरूरत है.


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विजन प्लान


सुब्रमण्यम ने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक ‘विजन प्लान’ तैयार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री जनवरी में इस दस्तावेज को जारी करेंगे.’’ नीति आयोग को 2023 में ‘विकसित भारत@2047’ के लक्ष्य के लिए 10 क्षेत्रीय विषयगत दृष्टिकोणों को मिलाकर एक संयुक्त दृष्टि-पत्र तैयार करने का कार्य सौंपा गया था.


नए विश्वविद्यालयों की जरूरत


इसके साथ ही सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं की नामांकन दर को 27 प्रतिशत से बढ़कर 50-60 प्रतिशत तक ले जाना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘‘इससे कॉलेज जाने वाले लोगों की संख्या चार करोड़ से बढ़कर आठ-नौ करोड़ हो जाएगी. इसके लिए हमें मौजूदा हजारों नए विश्वविद्यालयों की जरूरत होगी.’’ सुब्रमण्यम ने इस बात को रेखांकित किया कि राज्य वित्तीय तनाव का सामना कर रहे हैं. लिहाजा नए विश्वविद्यालय खोलने के लिए धन निजी क्षेत्र से लाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बोस्टन और सैन फ्रांसिस्को जैसे शहर बनाने की जरूरत है जहां शोध एवं विकास और नवाचार किया जा सके.


नीति आयोग


भारत में लगभग आधी आबादी की औसत उम्र 29 वर्ष से कम होने पर जोर देते हुए नीति आयोग के सीईओ ने कहा, ‘‘हमारे पास भारत की जनांकिकी क्षमता का लाभ उठाने के लिए 25 वर्ष का समय है.’’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा कार्यबल प्रदाता बनने जा रहा है क्योंकि हर साल 13 लाख भारतीय छात्र अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के लिए भारत से बाहर जाते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिक से अधिक छात्रों को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. (इनपुट: भाषा)