नई दिल्ली : नीरव मोदी की तरफ से देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी को 11,400 करोड़ रुपये का चूना लगाए जाने के बाद जांच एजेंसियां तेजी से कार्रवाई कर रही हैं. इस मामले में अब पीएनबी ने नीरव मोदी से बकाया भुगतान के लिए एक पुख्ता और लागू की जा सकने वाली योजना के साथ आने के लिए कहा है. ये बातें बैंक की तरफ से उस ई-मेल के जवाब में कही गई हैं जो बैंक के पास नीरव मोदी की तरफ से 11,400 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर होने के बाद आया था. बताया जा रहा है कि नीरव मोदी न्यूयॉर्क में छिपा हुआ है. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट में उसके दुबई में होने की आशंका जताई गई थी. इससे पहले गुरुवार को इस महाघोटाले में सीबीआई ने एक और खुलासा किया है. सीबीआई के मुताबिक, दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए नीरव मोदी की कंपनी के CFO विपुल अंबानी को घोटाले की पूरी जानकारी थी.


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विपुल घोटाले की सारी बातें जानता था
जांच एजेंसी ने दावा किया कि विपुल अंबानी शुरू से लेकर आखिर तक इस घोटाले से सारी बातें जानता था. यही नहीं विपुल ही वह शख्स है जो अक्सर पीएनबी अधिकारियों से मिलता था और दफ्तरों में जाता था. आपको बता दें, सीबीआई की टीम लगातार नीरव मोदी के ठिकानों और उससे जुड़े लोगों पर छापेमारी कर रही है. सीबीआई ने यह भी खुलासा किया है कि विपुल अंबानी का पीएनबी अधिकारियों के साथ बड़ा कनेक्शन था. वह अक्सर अधिकारियों से मिलता था. वह न सिर्फ पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में जाता था. बल्कि उसके कॉन्टैक्ट पीएन सर्किल ऑफिस, पीएन जोनल और हेड ऑफिस में भी थे.


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बकाया वसूलने के रास्ते बंद किए
इससे पहले नीरव मोदी ने कहा था कि पीएनबी ने मामले को सार्वजनिक कर उससे बकाया वसूलने के सारे रास्ते बंद कर लिए हैं. साथ ही मोदी का दावा है कि पीएनबी का उसकी कंपनियों पर बकाया बैंक द्वारा बताई गई राशि से बेहद कम है. पीएनबी प्रबंधन को 15/16 फरवरी को लिखे एक पत्र में मोदी ने कहा था कि उसकी कंपनियों पर बैंक का बकाया 5,000 करोड़ रुपये से कम है.


हमारी क्षमता खतरे में पड़ गई
पत्र के अनुसार, 'गलत तौर पर बताई गई बकाया राशि से 'मीडिया में होहल्ला' हो गया और परिणामस्वरूप तत्काल तौर पर खोज का काम शुरू हो गया और परिचालन भी बंद हो गया." पत्र में मोदी ने लिखा है, "इससे समूह पर बैंक के बकाया को चुकाने की हमारी क्षमता खतरे में पड़ गई है." मोदी ने उसने कहा था, "13 फरवरी को मेरी पेशकश के बावजूद बकाया को तत्काल पाने की व्यग्रता में (बैंक ने जानकारी 14/15 फरवरी को सार्वजनिक की) आपकी (बैंक) कार्रवाई ने मेरे ब्रांड और कारोबार को तबाह कर दिया और इससे अब बकाया वसूलने की आपकी क्षमता सीमित हो गई है.


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बैंक अधिकारियों से हुई वार्ता का भी जिक्र
पत्र में मोदी और बैंक अधिकारियों के बीच हुई वार्ताओं का भी जिक्र किया गया था. इसके अलावा 13 और 15 फरवरी को लिखे गए ईमेल का जिक्र था. गौरतलब है कि 14 फरवरी को पीएनबी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसकी मुंबई स्थित एक शाखा में 1.8 अरब डॉलर की धोखाधड़ी की गई है. बैंक की ओर से शेयर बाजारों के पास दिए नियामकीय दाखिले में इसकी जानकारी दी गई थी. बैंक ने सीबीआई और ईडी के पास भी शिकायत दर्ज कराई थी. बैंक ने नीरव मोदी, उसकी अमेरिकन पत्नी एमि, मामा मेहुल चौकसी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.


बैंक को हुए 11400 करोड़ रुपये के नुकसान के दावे के संबंध में नीरव मोदी ने कहा था, "जैसा कि आप इस तथ्य से अवगत हैं कि यह सरासर गलत है और नीरव मोदी समूह की देयता काफी हद तक कम है. आपके द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद भी, नेक इरादे से मैंने आपको पत्र लिख रहा हूं कि कृपया मुझे फायरस्टार समूह या बहुमूल्य संपत्ति बेचने की अनुमति दें तथा केवल फायरस्टार से नहीं, बल्कि तीनों फर्मों से वसूली करे."


अपने कारोबार को 6500 करोड़ का बताते हुए उसने कहा, "इससे बैकिंग सिस्टम का कर्ज कम करने में मदद मिल सकती है. लेकिन उसने यह भी जोड़ा कि अब यह संभव नहीं है क्योंकि उसके सभी खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और संपत्ति जब्त कर ली गई है.


(इनपुट एजेंसी से भी)


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