नई दिल्ली:  COVID-19 Impact: कोरोना महामारी की वजह से सबसे बड़ी मुश्किल रोजगार को लेकर खड़ी हुई है. लाखों लोगों की नौकरियां गईं, जिनकी नौकरी बची रह गई उनकी सैलरी में कटौती हुई. पूरे देश में अब भी हायरिंग बंद है, जिसकी वजह नई नौकरियों के मौके बिल्कुल नहीं के बराबर हैं. 


परमानेंट नौकरी वालों को लगेगा झटका!


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एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना महामारी की वजह से फ्रेशर लेवल पर परमानेंट नौकरी की चाहत रखने वालों को तगड़ा झटका लगेगा, जबकि टेम्परेरी वर्कर्स को बेहतर मौके मिलेंगे. स्टाफिंग और HR सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी  Genius Consultants का कहना है कि 57 परसेंट से ज्यादा प्रतिभागियों का मानना ​​है कि परमानेंट कर्मचारियों के लिए नई नौकरी की स्थिति पर हायरिंग फ्रीज का बुरा असर पड़ेगा. हालांकि 43 परसेंट यही बात टेम्परेरी वर्कर्स के लिए मानते हैं. 


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दूसरी लहर ने ठप कर दी हायरिंग


ये ऑनलाइन सर्वे 28 मई से लेकर 30 जून, 2021 तक सभी सेक्टर्स के 1000 से ज्यादा कंपनी लीडर्स और एग्जीक्यूटिव्स के बीच कराया गया. Genius Consultants के चेयरमैन आ पी यादव का कहना है कि इस साल की शुरुआत में भारत में इकोनॉमिक ग्रोथ रिकवरी अच्छी चल रही थी, और हायरिंग भी तेजी से हो रही थी. लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर का बेरोजगारी की दर और हायरिंग प्रक्रिया पर बेहद बुरा असर पड़ा. प्रतिबंधों की वजह से कई सेक्टर्स में लोगों की नौकरियां चली गईं. 


इन सेक्टर्स पर बहुत बुरा असर


उनका कहना है कि परमानेंट के मुकाबले टेम्परेरी वर्कर्स ज्यादा अच्छे तरीके से नौकरी पा सकेंगे, क्योंकि ई-कॉमर्स सेक्टर्स में उनके लिए काफी बेहतर मौके हैं. सर्वे के मुताबिक 69 परसेंट लोगों ने माना है कि ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. मैन्यूफैक्चरिंग, मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर भी बुरा असर पड़ेगा. 


हालात बेहतर होने की उम्मीद भी 


सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने माना कि देश में हायरिंग को लेकर हालात अभी होल्ड पर हैं, क्योंकि देश अभी दूसरी लहर की चपेट में है. इसके अलावा राज्यों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों, लॉकडाउन की वजह से कई सेक्टर्स पर असर पड़ा है.  हालांकि सर्वे में 51 परसेंट लोगों ने माना कि साल के अंततक हालात बेहतर होंगे, जबकि 61 परसेंट का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की एक बार फिर से बहार आएगी.


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