Krishna Godavari Basin: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से 30 किलोमीटर दूर गहरे समुद्र परियोजना से पहली बार तेल न‍िकाला गया. साल 2016-17 में शुरू हुई इस पर‍ियोजना से पहली बार 7 जनवरी को तेल न‍िकाला गया. ओएनजीसी (ONGC) का पहले नवंबर, 2021 तक इस प्रोजेक्‍ट से ऑयल प्रोडक्‍शन शुरू करने का प्‍लान था. लेक‍िन कोव‍िड के कारण इसमें कुछ देरी हुई. हरदीप सिंह पुरी ने बताया क‍ि वहां 26 कुओं में से 4 कुएं पहले से ही चालू हैं.


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रोजाना 45000 बैरल तेल का प्रोडक्‍शन करेंगे


उन्होंने यह भी कहा क‍ि 'बहुत कम समय में ही हमारे पास न केवल गैस होगी बल्कि मई-जून तक हम रोजाना 45000 बैरल तेल का प्रोडक्‍शन करेंगे. यह हमारी जरूरत के पूरे क्रूड ऑयल का 7 प्रतिशत होगा और गैस उत्पादन का भी 7 प्रतिशत होगा. तेल और प्राकृतिक गैस निगम की तरफ से इस बारे में सोशल मीड‍िया पर एक पोस्ट शेयर क‍िया. जिस स्थान पर तेल निकाला जाता है वह कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किमी दूर है.


जून 2024 में समाप्त होने की उम्‍मीद
ओएनजीसी ने 7 जनवरी को कृष्णा गोदावरी डीप-वॉटर ब्लॉक 98/2 (बंगाल की खाड़ी में) से एफपीएसओ में अपना पहला तेल उत्‍पादन शुरू किया. यह परियोजना के स्‍टेप-2 के पूरा होने के करीब था. स्‍टेप-3, जिससे तेल चरम पर पहुंच गया और गैस प्रोडक्‍शन, पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में समाप्त होने की उम्‍मीद है.'


आपको बता दें भारत दुन‍िया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए वैश्‍व‍िक बाजार के व‍िभ‍िन्‍न स्रोत से आयातित कच्चे तेल पर निर्भर है.