Delhi Tax Revenue: 2024 में दिल्ली में क्यों बरसा पैसा, उम्मीद से ज्यादा आया Tax; एक साल में 6318 करोड़ बढ़ा
Delhi Govt: दिल्ली सरकार को 2023-24 में जितने टैक्स की उम्मीद थी, उससे ज्यादा टैक्स सरकार को मिला है. आपको बता दें सरकार के इससे पहले साल 2022-23 में भी टैक्स कलेक्शन में 18% की बढ़त देखी गई थी.
Tax Revenue in Delhi: दिल्ली वालों ने सरकार को उम्मीद से ज्यादा टैक्स दिया है. जी हां, राजधानी के टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार फाइनेंशिय ईयर 2023-24 में रेवेन्यू में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13% की वृद्धि दर्ज की गई है. दिल्ली सरकार की तरफ से साल 2023-24 में जीएसटी (GST), वैट (VAT), एक्साइज ड्यूटी, स्टांप शुल्क और मोटर व्हीकल की रजिस्ट्रेशन फी समेत कुल 53,680 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया. इसकी तुलना में साल 2022-23 में यह रकम 47,362 करोड़ रुपये थी.
अनुमान से 100 करोड़ रुपये ज्यादा का टैक्स कलेक्शन
सरकार ने मार्च 2023 में बजट पेश करते समय अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) में कुल टैक्स कलेक्शन 53,565 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था. लेकिन अब जारी आंकड़ों में इससे 100 करोड़ रुपये ज्यादा का टैक्स जमा हुआ है. आसान शब्दों में कहें तो सरकार को जितने टैक्स की उम्मीद थी, उससे ज्यादा टैक्स मिला है. गौरतलब है कि साल 2022-23 में भी टैक्स कलेक्शन में 18% की बढ़त देखी गई थी.
इकोनॉमिक ग्रोथ के कारण बढ़ा टैक्स कलेक्शन
अधिकारियों के अनुसार एक्साइज ड्यूटी के अलावा बाकी सभी सेक्टर की टैक्स वसूली में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई. पिछले साल की तुलना में मार्च में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में एक्साइज ड्यूटी में 7% की गिरावट आई. यह बढ़ोतरी करीब 9% की इकोनॉमिक ग्रोथ के कारण हुई है. साल 2023-24 में जीएसटी से होने वाली कमाई में 2022-23 के मुकाबले 15.6% की बढ़ोतरी हुई. वहीं प्रॉपर्टी, अन्य डॉक्यूमेंट की बिक्री और रजिस्ट्रेशन फीस से होने वाली कमाई में 28% से भी ज्यादा का उछाल आया.
सिंगल विंडो शुरू करने से बिजनेस करना आसान हुआ
पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में वैट रेवेन्यू में 8.8% और मोटर व्हीकल पर लगने वाले टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में 12.4% का इजाफा हुआ. अधिकारियों का कहना है कि इन आंकड़ों से यह साफ है कि दिल्ली में कारोबारी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं और माहौल पूरी तरह पॉजिटिव है. पुराने नियमों को खत्म करके और ज्यादातर जगह सिंगल विंडो सुविधा देकर लोगों के लिए बिजनेस करना आसान कर दिया है. इसका असर दिल्ली के टैक्स कलेक्शन पर देखा गया.
जमीन और घरों में इनवेस्ट कर रहे लोग
अधिकारियों के अनुसार स्टांप फीस से होने वाली कमाई में भारी उछाल इस बात की तरफ इशारा करता है कि लोगों ने कोविड महामारी के बुरे दिनों को भुला दिया है. अब वे जमीन और घर के लिए इनवेस्ट कर रहे हैं. दिल्ली में हाई राइज सोसायटी नहीं हैं, यही कारण है कि ज्यादातर कारोबार पुरानी संपत्तियों को दोबारा बेचने और पुराने घरों को तोड़कर उनकी जगह फ्लैट बनाने का है. यह काम दिल्ली में बड़े लेवल पर हो रहा है. 2024-25 का बजट पेश करते हुए दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में कुल 58,750 करोड़ के रेवेन्यू कलेक्शन का अनुमान लगाया है.