नई दिल्ली: एविएशन सेक्टर फिलहाल बुरे दौर से गुजर रहा है. किराया नहीं चुका पाने की वजह से जेट एयरवेज के 41 विमान ग्राउंड हो चुके हैं. कंपनी पर 7000 करोड़ का कर्ज है. ATF (एयर टर्बाइन फ्यूल) की कीमत में उछाल जारी है. इस बीच सोमवार को एक खबर आई कि एविएशन सेक्टर के बिगड़े हालात के बीच किराए में बढ़ोतरी को लेकर DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने मंगलवार को क्राइसिस मिटिंट बुलाई है. न्यूज एजेंसी ANI ने ट्वीट कर DGCA के हवाले से इस न्यूज को गलत बताया है.


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ट्वीट में DGCA के हवाले से कहा गया है कि जेट एयरवेज की वजह से कोई भी क्राइसिस मीटिंग नहीं बुलाई गई है. मीडिया रिपोर्ट जो दावा कर रही है कि पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद कर देने की वजह से संकट और गहरा हो गया है यह गलत है.


 



 


बता दें, JetAirways की समस्या के बीच इथोपिया विमान हादसे के बाद एविएशन सेक्टर में संकट जरूर बढ़ी है. भारत में 17 737 Max विमान परिचालन में थे, जिसे फिलहाल बंद कर दिया गया है. जेट एयरवेज के पास पांच बोइंग 737 Max विमान थे और SpiceJet के पास 12 विमान थे. ऐसे में कई फ्लाइट कैंसिल हो गई जिससे कुछ समय के लिए यात्रियों को परेशानी जरूर हुई और किराए में बढ़ोतरी भी हुई. लेकिन, अब हालात सामान्य है. 



बता दें, एतिहाद ने जेट एयरवेज को मदद करने से मना कर दिया है. चेयरमैन नरेश गोयल ने एतिहाद को चिट्ठी लिखकर तुरंत 750 करोड़ निवेश की अपील की थी. एतिहाद द्वारा निवेश के बाद बैंक भी कर्ज देने को तैयार है. लेकिन, एतिहाद 25 फीसदी से कम हिस्सेदारी की वजह से मानने को तैयार नहीं है.