नई दिल्ली : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत के साथ-साथ मध्यपूर्व के देशों में स्टील निर्यात करने के अवसरों की तलाश करेंगे. यह जानकारी रविवार को पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में दी गई. बयान के अनुसार, वह अपने समकक्ष व यूएई (UAE) के ऊर्जा व उद्योग मंत्री सुहैल मोहम्मद फराज अल मजरूई और राज्यमंत्री डॉ. सुल्तान अहमद अल जबर से मुलाकात में हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) और स्टील सेक्टर में द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत करेंगे. यह बातचीत भारत और यूएई की रणनीतिक साझेदारी की पूरी रूपरेखा के तहत होगी.


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धर्मेद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) 10-12 नवंबर के दौरान यूएई के दौरे पर होंगे. उनके साथ अधिकारियों और कारोबारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा. मंत्रालय ने बताया कि प्रधान यूएई के राज्यमंत्री और आबूधाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) के सीईओ डॉ. सुल्तान अहमद अल जबर के आमंत्रण पर 11 नवंबर को अबूधाबी इंटरनेशनल पेट्रोलियम एग्जिबिशन एंड कान्फ्रेंस (एडीआईपीईसी) के मंत्रिस्तरीय सत्र के उद्घाटन में हिस्सा लेंगे. वह मंत्रिस्तीय पैनल वार्ता में भी हिस्सा लेंगे.


वहां फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (एफआईपीआई), हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच)और कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा लगाए गए भारत के पेवेलियन का प्रधान और डॉ. सुल्तान संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे.


डीजीएच वहां एक रोडशो करेगा जिसका मकसद दुनिया की प्रमुख तेल व गैस कंपनी से भारत में तेल गैस की खोज व उत्पादन व अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश आकर्षित करना होगा. इस मौके पर प्रधान एडीआईपीईसी में हिस्सा लेने के लिए आने वाले विभिन्न देशों के अपने समकक्षों और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संगठनों के प्रमुखों के साथ-साथ दुनिया की तेल व गैस कंपनियों के सीईओ से भी मिलेंगे.


मंत्रालय ने कहा, "इस मौके पर वह मध्य-पूर्व के देशों में स्टील निर्यात के अवसरों की भी तलाश करेंगे." यूएई के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के संरक्षण में एडीएनओसी द्वारा आयोजित एडीआईपीईसी 10-14 नवंबर तक चलेगा. यह दुनिया में तेल और गैस क्षेत्र के सबसे प्रभावी वैश्विक सम्मेलनों में शुमार है जिसमें विभिन्न देशों के मंत्री, उद्योग के प्रमुख, अग्रणी ऊर्जा कंपनियों के सीईओ, नीति निर्माता समेत 1,45,000 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे.