नई दिल्ली: संसद में आज आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 पेश किया गया. इस रिपोर्ट कार्ड में सरकार के पिछले एक साल के कामों का लेखा-जोखा होता है, साथ ही अगले वित्त वर्ष में सरकार किस दिशा में आगे बढ़ेगी उसकी भी जानकारी होती है. इसके कवर पेज को देखेंगे तो बीच में लिखा है #Economy@5trillion. सरकार ने 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा दो महत्वपूर्ण पहलू- रोजगार और इंवेस्टमेंट (निवेश) को भी फ्रंट पेज पर शामिल किया गया है. इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार के लिए ये दो बेहद अहम मुद्दे हैं.


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मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने थीम को लेकर कहा कि यह स्काई ब्लू कलर में है. आसमान की कलर हमारी सोच को दर्शाती है. आगे वे कहते हैं, इस दुनिया में कुछ भी फिक्स नहीं है. ऐसे में कोई पॉलिसी कितनी अच्छी है? क्या यह लोगों तक पहुंच रही है या नहीं? उसका आकलन तीन तथ्यों के आधार पर होता है. पहला, विजन कैसा है. इस सरकार ने 2025 तक अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. यह सबकुछ बयां करती है.



इस विजन को पूरा करने के लिए एक स्ट्रैटेजिक ब्लूप्रिंट की जरूरत होती है. इस साल की #EconomicSurvey रिपोर्ट वह ब्लूप्रिंट है, जिसपर काम करते हुए लक्ष्य को हासिल किया जाएगा. हमनें मिलकर इस ब्लूप्रिंट में उन सभी पहलुओं को शामिल किया है जो मकसद को हासिल करने का जरिया होंगे.



राज्यसभा में इस रिपोर्ट कार्ड को पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 7 प्रतिशत के आसपास होगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनानी है तो विकास की रफ्तार 8 प्रतिशत के करीब होनी चाहिए. इसके लिए बहुत जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग को बढ़ावा मिले. मांग में बढ़ोतरी के बिना इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है.