नई दिल्ली : आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि उसकी प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंंदा कोचर के खिलाफ जारी जांच से आगे और पड़ताल की नौबत आ सकती है और इससे लागत बढ़ने के साथ उसकी साख पर भी असर पड़ेगा. बैंक की आडिट कमेटी ने जून में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र जांच समिति गठित की. समिति का काम चंदा के खिलाफ विभिन्न आरोपों की जांच करना है.


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भाई-भतीजावाद समेत कई तरह के आरोप
इन आरोपों में भाई-भतीजावाद, एक-दूसरे को लाभ पहुंचाना तथा वीडियोकॉन समूह तथा उनके पति दीपक कोचर के नियंत्रण वाली कंपनी के बीच लेन-देन में हितों का टकराव शामिल हैं. आईसीआईसीआई बैंक ने अमेरिकी प्रतिभूति एंव विनिमय आयोग (यूएस एसईसी) को 31 जुलाई को दी सूचना में कहा, ‘‘नियामकीय और प्रवर्तनक प्राधिकरणों द्वारा जांच का जोखिम बढ़ा है. इससे हमारी साख पर असर पड़ सकता है. इससे अतिरिक्त लागत उठानी पड़ सकती है जिससे कारोबार करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है.’’


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संदीप बख्‍शी संभाल रहे कमान
जांच के चलते कोचर को छुट्टी पर भेजा गया है. वह 19 जून 2018 से छुट्टी पर हैं. इस बीच बैंक ने संदीप बख्शी को बैंक का मुख्य संचालन अधिकारी नियुक्त किया है. वह सीधे बोर्ड को रिपोर्ट करते हैं.


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क्‍या है मामला
जो मामले जांच के दायरे में हैं उनमें बैंक द्वारा 2012 को वीडियोकॉन समूह को दिया गया कर्ज और ऋण के पुनर्गठन में कोचर के परिवार के सदस्यों की भूमिका. कोचर और उनके परिवार के सदस्यों पर कुछ इकाइयों को दिए गए कर्ज में लेन-देन और हितों के टकराव का आरोप है.