Fiscal Deficit: 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाएगा. इस बार वित्त मंत्री सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेगी. इस बार सरकार एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में राजकोषीय घाटे को भारत के GDP के 5.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रख सकती हैं. एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने शुक्रवार को यह अनुमान जताया है. बोफा सिक्योरिटीज ने एक टिप्पणी में कहा कि सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे को 5.9 प्रतिशत पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने में सफल रहेगी.


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ब्रोकरेज फर्म के एक्सपर्ट के मुताबिक, हम चुनाव के दबाव के बावजूद केंद्र के राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 प्रतिशत तक सीमित होता हुए देख रहे हैं. इसके मुताबिक, सरकार व्यय में कटौती करने के बजाय पूंजीगत व्यय के सहारे वृद्धि को गति देकर राजकोषीय घाटे को कम करने की अपनी रणनीति पर कायम रहने का विकल्प चुनेगी. 


2025-26 तक राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत पर


ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि डिजिटलीकरण के दम पर संगठित अर्थव्यवस्था को मिले समर्थन ने एक तरफ कर-राजस्व में उछाल और दूसरी तरफ सब्सिडी व्यय जैसे फालतू खर्चों को कम करके राजकोषीय गणित साधने में सरकार की मदद की है. सरकार पहले ही वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत तक लाने की प्रतिबद्धता जता चुकी है.इसके लिए हर साल इसमें क्रमिक कटौती करने का लक्ष्य रखा गया है. 


रेवेन्यू रिसिप्ट में दिखेगी ग्रोथ


बोफा सिक्योरिटीज ने रेवेन्यू रिसिप्ट 10.5 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 30.4 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. टैक्स रेवेन्यू में 10 प्रतिशत और गैर-टैक्स रेवेन्यू में 14 प्रतिशत की ग्रोथ के कारण ऐसा होगा. नए वित्त वर्ष में विनिवेश आय में 'मामूली बढ़ोतरी' होने की संभावना भी इस टिप्पणी में जताई गई है.


इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार की ताजा बाजार उधारी 11.6 लाख करोड़ रुपये होगी. इस दौरान 3.61 लाख करोड़ रुपये की लोन मैच्योरिटी को देखते हुए सकल बाजार उधारी 15.2 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है.


इनपुट - भाषा एजेंसी