Cement Companies Share: देश के पांच बड़े सीमेंट न‍िर्माता अधिग्रहण और अपने दम पर विस्तार योजनाओं के जरिये मार्च, 2025 तक अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर 55 परसेंट तक करने की प्‍लान‍िंग कर रहे हैं. एक रिपोर्ट में यह उम्‍मीद जताई गई. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा क‍ि अच्छी मांग की संभावना को देखते हुए बड़ी सीमेंट कंपनियां इस समय अपनी क्षमता के विस्तार और बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने पर ध्यान दे रही हैं. रिपोर्ट के अनुवार ‘इक्रा का अनुमान है कि टॉप 5 सीमेंट कंपनियों का मार्केट शेयर मार्च, 2025 तक बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा, जिससे सीमेंट इंडस्‍ट्री में इंटीग्रेशन की स्थिति पैदा होगी.’


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2015 तक कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 45 प्रतिशत थी


मार्च, 2015 तक इन कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 45 प्रतिशत थी, जो बढ़कर दिसंबर, 2023 तक 54 प्रतिशत पर पहुंच गई. रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि ये कंपनियां मध्यम अवधि में अपने दम पर वृद्धि जारी रखने के साथ ही अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए अधिग्रहण के तरीके का भी इस्तेमाल करेंगी. रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप के हाथों एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स के अधिग्रहण को छोड़ दें तो इस क्षेत्र में विलय एवं अधिग्रहण के अन्य सौदे मुख्य रूप से अधिग्रहीत इकाई के पास नकदी प्रवाह की कमी या समूह के वित्तीय दबाव के कारण ही क्रियान्वित किए गए.


541 करोड़ टन सालाना सीमेंट उत्पादन की क्षमता 
सीमेंट विनिर्माता संघ के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 541 करोड़ टन सालाना की सीमेंट उत्पादन क्षमता स्थापित है. भारतीय सीमेंट बाजार का नेतृत्व आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट के पास है जिसकी एकीकृत क्षमता 15.27 करोड़ टन प्रति वर्ष है. इसके बाद अडाणी समूह की फर्म अडाणी सीमेंट है, जो अंबुजा सीमेंट और इसकी सहायक कंपनियों एसीसी लिमिटेड का परिचालन करती है. इसकी सालाना क्षमता 7.74 करोड़ टन सीमेंट उत्पादन की है.


इसके अलावा डालमिया भारत, श्री सीमेंट्स और जेके सीमेंट जैसी अन्य बड़ी कंपनियां भी सीमेंट उत्पादन में सक्रिय हैं. इक्रा रेटिंग्स की उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) अनुपमा रेड्डी ने कहा कि परिचालन आय में स्वस्थ वृद्धि, परिचालन मार्जिन में सुधार की वजह से सीमेंट उत्पादकों का ऋण परिदृश्य स्थिर रहने की संभावना है. (भाषा)