Modi Government: नई सरकार का गठन होने के बाद पूर्ण बजट को लेकर तैयार‍ियां जोर-शोर से चल रही हैं. व‍ित्‍तीय वर्ष 2024-25 के ल‍िए बजट पेश होने से पहले अलग- अलग सेक्‍टर की तरफ से अपनी मांग की जा रही है. हर बार की तरह इस बार भी सैलरीड क्‍लॉस इनकम टैक्‍स में राहत के ल‍िए क‍िसी बड़े ऐलान की उम्‍मीद कर रहा है. टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार इस बार वित्त मंत्रालय टैक्‍सपेयर्स के लिए न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम के तहत मिलने वाली स्‍टैंडर्ड ड‍िडक्‍शन की ल‍िम‍िट को बढ़ाने का व‍िचार कर रहा है. र‍िपोर्ट में दावा क‍िया गया क‍ि सरकार ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम (Old Tax Regime) में अभी क‍िसी तरह का बदलाव नहीं करना चाहती.


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फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री के अंदर हो रही चर्चा


एनडीए सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. कैप‍िटल गेन मेकेन‍िज्‍म में क‍िसी प्रकार का बड़ा बदलाव किए जाने की संभावना कम ही है. इस पर इनकम टैक्‍स व‍िभाग र‍िव्‍यू करने की मांग कर रहा है. बजट को अंतिम रूप देने का प्रोसेस अभी शुरू हुआ है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जनता से रायशुमारी कर रही हैं. अभी ज्यादातर चीजों पर चर्चा फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री के अंदर हो रही है और अलग-अलग मुद्दों पर विचार किया जा रहा है. कुछ मामलों पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले वित्त मंत्रालय सरकार के दूसरे व‍िभागों से बात करेगा. इन सभी चीजों पर फैसला पीएमओ (PMO) से मिलने वाले सुझाव को ध्‍यान में रखकर ल‍िया जाएगा.


ज्यादातर विभाग म‍िड‍िल क्‍लॉस को राहत देने के पक्ष में
टीओआई की र‍िपोर्ट में दावा क‍िया गया क‍ि सरकार के ज्यादातर विभाग टैक्‍सपेयर्स, खासकर म‍िड‍िल क्‍लॉस को रियायत देने के पक्ष में हैं. म‍िड‍िल क्‍लॉस हमेशा से मोदी सरकार का समर्थक रहा है लेकिन अब वो अपने टैक्स के बदले मिलने वाली हेल्‍थ और एजुकेशन जैसी सुविधाओं को लेकर सवाल उठा रहा है. साल 2023 के बजट में वित्त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण की तरफ से न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम (New Tax Regime) को बॉय ड‍िफॉल्‍ट कर द‍िया गया. अगर आप ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम में जाना चाहते हैं तो आपको इसे स‍िलेक्‍ट करना होगा.


सभी तरह के टैक्‍सपेयर्स को म‍िलेगा फायदा
अभी न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम में सैलरीड क्‍लॉस और पेंशनर्स को 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती का फायदा म‍िलता है. इसके अलावा जिनकी टैक्‍सेबल इनकम 7 लाख रुपये से कम है, उन्हें क‍िसी तरह का टैक्स नहीं देना होता. इस टैक्‍स र‍िजीम के तहत जिनकी टैक्सेबल इनकम 3 लाख रुपये से ज्‍यादा है, उन्हें 5% इनकम टैक्स देना पड़ता है. इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगों की मांग है क‍ि हायर सैलरी वालों के ल‍िए टैक्स स्‍लैब को घटाया जाए, ताकि लोग ज्यादा से ज्‍यादा खर्च कर सकें. अगर सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन ल‍िम‍िट को बढ़ाती है तो इसका फायदा सभी तरह के टैक्‍सपेयर्स को म‍िलेगा.