FM Nirmala Sitharaman: वैश्विक पटल पर भारत का प्रदर्शन असाधारण, IMF बैठक में वित्त मंत्री ने कही बड़ी बात
FM Nirmala Sitharaman: IMF की बैठक के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अनिश्चित भू-राजनीतिक संकट पर चिंता जताई है. वित्त मंत्री ने कहा कि तनावपूर्ण और अनिश्चित भू-राजनीतिक संकट सर्दियों में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में नयी चिंताओं को पैदा कर सकता है. आइये जानते हैं अपडेट.
IMF Meeting Update: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वार्षिक बैठक चल रही है. बैठक में बातचीत के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैशिक पटल पर भारत के प्रदर्शन को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि अनिश्चितता भरी दुनिया में भारत असाधारण प्रदर्शन करने वालों में से एक है. आपको बता दें कि उनका यह बयान आईएमएफ के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत एक उज्ज्वल स्थान पर है. वित्त मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा वित्त समिति को संबोधित करते हुए कहा, 'भारत ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर साल-दर-साल आधार पर 13.5 प्रतिशत रखी है, जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है.'
वित्त मंत्री ने कही बड़ी बात
बैठक के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक बाधाओं के बावजूद आईएमएफ का अनुमान है कि भारत 2022 और 2023 दोनों में छह प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. सीताराम ने बताया कि बड़े व्यापारों में सुधार की गुंजाइश सीतारमण के अनुसार, पहली तिमाही में 13.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर को छूने से भारत महामारी से पहले के स्तर को 3.8 प्रतिशत पार कर सकेगा. वित्तमंत्री ने कहा, पहली तिमाही में हम उपभोक्ता खर्च में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी देख रहे हैं.
वित्त मंत्री ने जताई चिंता
वित्तमंत्री ने आगे हालात सही होने के अनुमान के साथ बताया कि बड़े व्यापारों, होटल, रेस्तरां में अभी भी सुधार की गुंजाइश है. सर्दियों में कच्चे तेल और गैस संकट की बढ़ सकती है चिंता वित्तमंत्री ने अनिश्चित भू-राजनीतिक संकट पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, तनावपूर्ण और अनिश्चित भू-राजनीतिक संकट सर्दियों में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में दिक्कत पैदा कर सकता है. वित्त मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति नियंत्रण एक प्रमुख चिंता का विषय होगा.