नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से लगातार बुजुर्गों के हित में बनाए गये नियमों में बदलाव कर उसे और ज्यादा हितकारी बना रही है. इसी बीच अब माता-पिता और बुजुर्गों की देखरेख के लिए केंद्र सरकार नया नियम लाने जा रही है. मेंटनेंस और वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन (अमेंडमेंट) बिल 2019 (The Maintenance & Welfare of Parents & Senior Citizens (Amendment) Bill, 2019) पर इस मॉनसून सत्र में फैसला लिया जा सकता है. आइये जानते हैं क्या है ये बिल.


मानसून सत्र में पास हो सकता है ये बिल 


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मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) की शुरुआत सोमवार से ही हो गई है. इस बार ऐसा माना जा रहा है कि वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन (अमेंडमेंट) बिल 2019 पर फैसला हो सकता है. दरअसल ये बिल सरकार के एजेंडा में बहुत पहले से था. और इसीलिए मॉनसून सत्र की शुरुआत में ही केंद्र सरकार इस बिल पर चर्चा करना चाहती है.


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2019 में पास हो गए थे नियम


साल 2019 के दिसंबर में वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन बिल (Welfare of Parents and Senior Citizens Bill) कैबिनेट ने पास कर दिया था. इस बिल का उद्देश्य माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धाश्रम में डालने से रोकना है. इस विधेयक में वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों, सुरक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ उनके भरण-पोषण और कल्याण का प्रावधान दिया गया है. देश में कोविड-19 महामारी कीको ध्यान में रखते हुए यह विधेयक मौजूदा सत्र में संसद में पास हो सकता है. इससे वरिष्ठ नागरिकों और अभिभावकों को सिक्योरिटी मिलेगी. संसद में लाने से पहले इस बिल में कई बदलाव किये गए हैं.


क्या है इस बिल में?


वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन बिल कैबिनेट ने दिसंबर 2019 में बच्चों के स्पेस को बढ़ाया गया है. इसमें बच्चे, पोतों (इसमें 18 साल से कम को शामिल नहीं किया गया है) को शामिल किया गया है. इस बिल में सौतेले बच्चे, गोद लिये बच्चे और नाबालिग बच्चों के कानूनी अभिभावकों को भी शामिल किया गया है. यानी अगर किसी का गोद लिया बच्चा एक अच्चा केयर टेकर है तो उसे भी शामिल किया गया है.


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बतौर मेंटेनेंस पेरेंट्स को मिलेंगे 10,000 रुपये


ये बिल पास होने के बाद नए कानून के तहत 10,000 रुपये पेरेंट्स को मेंटेनेंस के तौर पर देने होंगे. सरकार ने स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग और पेरेंट्स की आय को देखते हुए ये राशि तय की गई है. कानून में बायोलिजकल बच्चे, गोद लिये बच्चे और सौतेले माता पिता को भी शामिल किया गया है. मेंटेनेस का पैसा देने का समय पहले 30 दिन रखा गया था लेकिन अब उसे घटाकर 15 दिन कर दिया गया है.


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