Anil Ambani: प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) ने फंड-डायवर्जन केस में अनिल अंबानी को राहत देते हुए सेबी के 25 करोड़ के जुर्माने पर रोक लगा दी है. सैट ने यह रोक अनिल अंबानी को चार सप्ताह के भीतर 50% राशि जमा करने की शर्त पर लगाई है. सेबी ने अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के अध्यक्ष अनिल अंबानी पर रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के फंड-डायवर्जन में कथित संलिप्तता को लेकर 25 करोड़ का जुर्माना लगाया था.


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जस्टिस दिनेश कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अगर रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड की ओर से 50 प्रतिशत राशि जमा कर दी जाती है तो जुर्माना राशि या 25 करोड़ की कोई वसूली नहीं होनी चाहिए. सैट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.


सेबी ने 25 करोड़ का लगाया था जुर्माना


 


सेबी ने 22 अगस्त को रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड पर प्रतिभूति बाजार में भाग लेने से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था और प्रमोटरों से जुड़े उधारकर्ताओं को ऋण प्रदान करके RHFL से कथित तौर पर धन निकालने को लेकर 25 करोड़ का जुर्माना लगा दिया था. जिसे अनिल अंबानी सैट में चुनौती दी थी. सेबी ने कहा है कि वह कथित धोखाधड़ी से हुए अवैध लाभ का आकलन करेगा और उचित कार्रवाई करेगा.


 


क्या है फंड-डायवर्जन मामला?


यह मामला सामान्य प्रयोजन कार्यशील पूंजी ऋण (जीपीसीएल) से संबंधित है जो आरएचएफएल ने 2018 और 2019 के दौरान वितरित किया था. साल 2017-18 में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड का लोन बुक 3742 करोड़ से बढ़कर अचानक 2018-19 में 8670 करोड़ हो गई थी. जिसे सेबी ने अपनी जांच में कुछ खुलासा संबंधी खामियां और उल्लंघन पाया.


मेरे खाते में एक भी रुपया नहीं आयाः अनिल अंबानी


अनिल अंबानी के वकील हरीश साल्वे ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण से सेबी द्वारा लगाए गए जुर्माने पर रोक की गुहार लगाई थी. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि अनिल अंबानी के खाते में एक भी रुपया नहीं आया है.  सेबी ने आदेश पारित करते समय अंबानी द्वारा प्रतिभूतियों की किसी भी खरीद, बिक्री या सौदे का उल्लेख भी नहीं किया.