नई दिल्ली: पब्लिक सेक्टर बैंक यानी सरकारी बैंकों की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने रोड मैप पेश किया है. केंद्र सरकार अब 250 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक लोन की अलग से मॉनिटरिंग करेगी. इससे एनपीए की समस्‍या से निपटने में मदद मिलेगी. वित्‍त मंत्रालय ने बैकिंग रिफॉर्म के तहत यह फैसला किया है. वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने पीएसयू बैंकों के रीकैपिटलाइजेशन पर प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी. सरकार ने पीएसयू बैंकों को लेकर बड़ा ऐलान किया. पीएसयू बैंकों में 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी डालने का एलान किया है. 


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कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा
पीएम मोदी के दावोस से लौटने के बाद, आज सुबह अधिकारियों की बैठक हुई और उसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक बैंक रीकैपिटलाइजेशन पर विस्तृत चर्चा की गई. इसके बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैंक रीकैपिटलाइजेशन में किस बैंक कितनी पूंजी मिलेगी ये जानकारी दी.


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क्या है पीएसयू बैंकों में पूंजी डालने का मकसद


  • पीएसयू बैंकों में पूंजी डालने का अहम मकसद एसएमई को कर्ज का प्रवाह बढ़ाना है

  • वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, पीएसयू बैंकों की वित्‍तीय सेहत को बेहतर बनाए रखने की जिम्‍मेदारी सरकार की है. 

  • पीएसयू बैंकों को गवर्नेंस के उच्‍चतम मानकों को पालन करना होगा.

  • बैंकिंग सेक्रेटरी ने कहा कि सरकार चाहती है कि पीएसयू बैंक जिम्‍मेदारी के साथ कर्ज दें. 

  • पीएसयू बैंकों को विदेशों में अपने ऑपरेशन को अधिक तार्किक बनाने की जरूरत है. 




किस बैंक में कितनी पूंजी डालेगी सरकार


  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया- 8800 करोड़ रुपए 

  • पंजाब नेशनल बैंक- 5470 करोड़ रुपए

  • बैंक ऑफ बड़ौदा- 5375 करोड़ रुपए

  • IDBI बैंक- 10610 करोड़ रुपए

  • बैंक ऑफ इंडिया 9232 करोड़ रुपए

  • यूको बैंक 6507 करोड़ रुपए

  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया- 5158 करोड़ रुपए

  • इंडियन ओवरसीज बैंक- 4694 करोड़ रुपए

  • ओरिंटल बैंक ऑफ कॉमर्स- 3571 करोड़ रुपए

  • देना बैंक- 3045 करोड़ रुपए

  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र- 3173 करोड़ रुपए


इन आधार पर मिलेगा बैंकों को पैसा
वित्त मंत्री ने साफ किया है कि बैंकों को रीकैपिटलाइजेशन के तौर पर कितना पैसा मिलेगा यह उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. सरकार बैंकों के प्रदर्शन को इस आधार पर असेस करेगी कि कस्‍टमर को लेकर उनका रिस्‍पॉस कैसा है. लोन देने को लेकर बैंकों का रवैया कैसा है. एमएसएमई के साथ बैंक कैसे डील कर रहे हैं और वित्‍तीय समावेश पर बैंकों का प्रदर्शन कैसा है.


नॉन कोर एसेट की पहचान करनी होगी
बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा बैंकों को अपनी नॉन कोर असेट की पहचान करनी होगी, जिससे वह पूंजी जुटा सकते हैं. इससे बैंकों के लिए अपने संसाधनों से पूंजी जुटाने में आसानी होगी.