चीनी के दाम कम करने के लिए सरकार का बड़ा कदम, अब गन्ने के रस से नहीं बनेगा इथेनॉल
Ethanol Production: चीनी मिलों को गन्ने के रस से अब चीनी तैयार करने की अनुमति होगी. चीनी मिले गन्ने के रस से इथेनॉल का उत्पादन नहीं कर सकेंगी. इससे आने वाले समय में चीनी का उत्पादन बढ़ेगा और कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा.
Sugarcane Juice To Ethanol: सरकार ने चीनी की कीमत पर लगाम लगाने और घरेलू खपत के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत अब गन्ने के रस और सिरप से इथेनॉल का उत्पादन नहीं होगा. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की तरफ से सभी चीनी मिलों को इस पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया गया है. खाद्य मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरी के एमडी और सीईओ को इस बारे में बताया गया.
शीरे से की जाएगी इथेनॉल की आपूर्ति
मंत्रालय की तरफ से चीनी मिलों के सीईओ को लिखे पत्र में साफ किया गया कि बी-हेवी शीरे (B Mollassses) से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को इथेनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी. यानी अब चीनी मिलों को गन्ने के रस से अब चीनी तैयार करने की अनुमति होगी. चीनी मिले गन्ने के रस से इथेनॉल का उत्पादन नहीं कर सकेंगी. इससे आने वाले समय में चीनी का उत्पादन बढ़ेगा और कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा.
खाद्य मंत्रालय की तरफ से लिखे गए लेटर में कहा गया, 'चीनी (नियंत्रण) आदेश 1966 के खंड 4 और 5 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को निर्देश दिया जाता है कि वे तत्काल प्रभाव से ईएसवाई (इथेनॉल आपूर्ति वर्ष) 2023-24 में इथेनॉल के लिए गन्ने के रस/चीनी के रस का उपयोग न करें.' पत्र के अनुसार, 'ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) को बी-हेवी शीरे से प्राप्त इथेनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी.'