India's Wheat Export: भारत सरकार ने पड़ोसी देश नेपाल को 2 लाख टन गेहूं के निर्यात की मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी ऐसे समय में दी गई है, जब देश में गेहूं के निर्यात पर बैन लगा हुआ है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा शनिवार को जारी एक सर्कुलर के अनुसार, यह निर्यात नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से किया जाएगा.


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हालांकि, भारत में गेहूं के घरेलू आपूर्ति को बनाए रखने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा है, लेकिन कुछ देशों के अनुरोध करने पर सरकार उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों के मद्देनजर निर्यात की अनुमति देती है. भारत सरकार ने यह कदम नेपाल की खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है. इस छूट के तहत, गेहूं का निर्यात खासतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है, जब संबंधित देश को इसकी सख्त जरूरत होती है. 


सिंथेटिक बुने हुए कपड़ों पर MEP लागू


दूसरी ओर DGFT ने एक अलग सर्कुलर में सिंथेटिक निटेड फैब्रिक्स के लिए न्यूनतम आयात शर्त (MIP) को छूट देने की भी घोषणा की है. यह छूट उन इकाइयों को दी गई है, जो एडवांस ऑथराइजेशन, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स (EOUs), और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) के तहत आती हैं. सस्ते कपड़ों की आवक को कम करने के लिए सिंथेटिक बुने हुए कपड़ों पर 3.5 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम MEP लागू है. 


मई 2022 से गेहूं निर्यात पर लगा है प्रतिबंध


खराब मौसम की वजह से गेहूं के उत्पादन में कमी को देखते हुए मई 2022 में भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, भारत एक प्रमुख गेहूं निर्यातक देश नहीं है, इसके बावजूद इस कदम ने वैश्विक बाजारों को अस्थिर किया है.


भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है, लेकिन वैश्विक गेहूं व्यापार में इसका हिस्सा 1% से भी कम है. देश में गरीबों के लिए रियायती भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार गेहूं उत्पादन का बड़ा हिस्सा रिजर्व रखती है.