कर्ज में डूबी कंपनियों का नहीं निकलेगा ‘दिवाला’, जानिए सरकार क्या उठा रही कदम
दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code) यानि (IBC) में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने को अपनी मंजूरी दे दी. इस संशोधन के जरिये किसी कंपनी द्वारा बैंक कर्ज के भुगतान में असफल रहने पर उसके खिलाफ दिवाला कानून के तहत कोई नई कार्रवाई शुरू नहीं की जायेगी.
नई दिल्ली: अगर आपने अपना कारोबार चलाने के लिए बैंक में कर्ज लिया है और लोन नहीं चुकाने की वजह से दिवाला निकलने से डर रहे हैं तो चिंता छोड़ दीजिए. केंद्र सरकार ने आपका दिवाला नहीं निकले, इसका इंतजाम कर दिया है. केंद्र सरकार ने दिवाला से संबंधिन एक नए अध्यादेश को लागू करने की मंजूरी दे दी है. ये कानून आपको कर्जों से फिलहाल राहत देने में मददगार है.
दिवाला कानून में हुआ बदलाव
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code) यानि (IBC) में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने को अपनी मंजूरी दे दी. इस संशोधन के जरिये कोरोना वायरस महामारी के चलते किसी कंपनी द्वारा बैंक कर्ज के भुगतान में असफल रहने पर उसके खिलाफ दिवाला कानून के तहत कोई नई कार्रवाई शुरू नहीं की जायेगी. सूत्रों का कहना है कि 25 मार्च के बाद से भुगतान में असफल रहने पर कुछ समय तक के लिये दिवाला प्रक्रिया के तहत कार्रवाई नहीं की जायेगी. देश में 25 मार्च के दिन से ही राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू किया गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार आईबीसी में संशोधन के लिये अध्यादेश जारी करने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है.
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सूत्रों के मुताबिक संहिता की तीन धाराओं, जिसमें कि दबाव में फंसी संपत्ति की बाजार से जुड़े और समयबद्ध समाधान की प्रक्रिया को निलंबित रखा जायेगा. धाराओं का यह निलंबन छह माह से लेकर एक साल तक के लिये होगा.
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सूत्रों के अनुसार इस संबंध में मंत्रिमंडल ने एक सक्षम प्रावधान को मंजूरी दी है जबकि कितनी अवधि के लिये इन धाराओं को निलंबित रखा जायेगा उसकी समयसीमा के बारे में कार्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा तय किया जायेगा. उनके मुताबिक ऐसे मामले जिनमें भुगतान में चूक के पीछे महामारी वजह नहीं है और दिवाला प्रक्रिया के लिये 25 मार्च से पहले आवेदन किया गया है उसका निस्तारण आईबीसी संहिता के तहत होगा.