Privatization: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एयर इंडिया से अलग हुईं दो सहायक कंपनियों - एआईएएसएल और एआईईएसएल के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. विभाग से सम्बन्धित एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया, 'निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एआईएएसएल और एआईईएसएल में निवेशकों की दिलचस्पी का पता लगाने के लिए बैठकें और रोड शो शुरू किए हैं. हम जल्द ही इच्छुक बोलीदाताओं से ईओआई आमंत्रित करेंगे.'


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एयर इंडिया की हुई बिक्री 


गौरतलब है कि सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पिछले साल अक्टूबर में टाटा समूह को 18,000 करोड़ रुपये में बेचा था. इस तरह जनवरी में एयर इंडिया पूरी तरह टाटा को सौंप दी गई. हालांकि, एयर इंडिया की चार सहायक कंपनियां - एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईएएसएल), एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल), एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड (एएएएल) और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एचसीआई) - इस सौदे का हिस्सा नहीं थीं. 


सरकार ने दी यह जानकारी 


लगभग 15,000 करोड़ रुपये मूल्य की इन सहायक कंपनियों और गैर-प्रमुख संपत्तियों को एक एसपीवी - एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) में स्थानांतरित कर दिया गया है. सरकार ने तब कहा था कि इन सहायक कंपनियों और गैर-प्रमुख संपत्तियों बाद में बेचा जाएगा. इसी क्रम में दीपम ने एआईएएसएल और एआईईएसएल के निजीकरण के लिए निवेशक बैठकों का आयोजन किया.


निजीकरण का हो रहा विरोध 


निजीकरण को लेकर हो रहे विरोध के बीच सरकार अपने पक्ष पर कायम है. निजीकरण अभियान के तहत बैंकों को भी प्राइवेट किया जा रहा है, जिसके तहत दो बैंकों को शॉर्टलिस्ट भी किया गया है.