Satellite Toll Systems: ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वाले लोगों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघनों की जांच करने और सजा सुनिश्चित करने के लिए सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने की योजना बना रही है.


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ट्रैफिक इंफ्राटेक एक्सपो को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना में इसमें सैटेलाइट टोल प्रणाली भी शामिल है, जिससे टोल संग्रह की दक्षता में सुधार होगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. इसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों से इसकी चर्चा करेगी.


सड़क सुरक्षा बढ़ाने पर जोर


'ट्रैफिक इन्फ्राटेक एक्सपो' के 12वें संस्करण को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि उन्नत इंजीनियरिंग समाधान को एकीकृत किए बिना, कानूनों को लागू किए बिना और एआई जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाए बिना सड़क सुरक्षा हासिल नहीं की जा सकती. सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए मंत्रालय के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने में सहयोग करने के लिए निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है. 


गडकरी ने कहा, "एक समर्पित विशेषज्ञ समिति स्टार्टअप और उद्योग जगत के अगुवाओं के प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सर्वोत्तम विचारों को क्रियान्वित किया जाए."


तीन महीने कमेटी देगी रिपोर्ट


केंद्रीय मंत्री के अनुसार, समिति को तीन महीने के भीतर अपने मूल्यांकन को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया गया है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में तेजी से सुधार लाना है. गडकरी ने उच्च गुणवत्ता मानकों, खासकर कैमरों जैसी निगरानी तकनीक के इस्तेमाल को बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया. उन्होंने आश्वासन दिया कि गुणवत्ता और मानकों से समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे समाधान बड़ी या छोटी कंपनियों से आए. 


इसके अलावा, मंत्री ने नवीन प्रौद्योगिकियों वाली छोटी कंपनियों को सरकारी निविदाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों के साथ भारत पारदर्शिता प्राप्त कर सकता है, लागत कम कर सकता है और सड़क सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है. गडकरी ने सभी हितधारकों- सरकार, निजी क्षेत्र और स्टार्टअप से भारत में तत्काल सड़क सुरक्षा मुद्दों को हल करने के लिए एक साथ आने का आह्वान किया. 


हर साल लगभग 5 लाख दुर्घटनाएं


उन्होंने भारत में सड़क दुर्घटनाओं के चिंताजनक आंकड़ों को रेखांकित करते हुए कहा कि देश में हर साल लगभग पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे बड़ी संख्या में जनहानि होती है. गडकरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इनमें से आधे से अधिक दुर्घटनाएं 18-36 वर्ष की आयु वर्ग में होती हैं. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली आर्थिक क्षति देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग तीन प्रतिशत है.