नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया. बैठक में निर्माणाधीन घरों पर GST दर खटाने का फैसला लिया गया. वर्तमान में निर्माणाधीन घरों पर GST की दर 12 फीसदी है जिसे घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. इसके अलावा अफॉर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए GST की दर 8 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी कर दी गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बैठक में अफॉर्डेबल हाउसिंग की नई परिभाषा तय की गई है. भारत के किसी भी मेट्रो सिटी में अगर निर्माणाधीन घर का एरिया 60 वर्ग मीटर से कम है तो इसे अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम माना जाएगा. नॉन-मेट्रो सिटीज के लिए यह एरिया 90 वर्ग मीटर है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, "हमने अफोर्डेबल हाउसिंग की दो परिभाषाएं लागू की है. पहली कार्पेट एरिया और दूसरी लागत पर आधारित है. मेट्रो में, 60 वर्ग मीटर कार्पेट एरिया और 45 लाख की लागत का अपार्टमेंट अफोर्डेबल हाउसिंग में आएगा. गैर-मेट्रो में, 90 वर्ग मीटर कार्पेट एरिया और 45 लाख की लागत का अपार्टमेंट अफोर्डेबल हाउसिंग में आएगा. यह मानक एक अप्रैल से लागू होगा. अपने संबोधन में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए GST दर इसलिए घटाई गई है क्योंकि 2022 तक हर किसी का अपना घर हो, इस मकसद को पूरा करना है.


इस समय निर्माणाधीन या ऐसे तैयार मकान जिनके लिए काम पूरा होने का प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) नहीं मिला हो, उन पर खरीदारों को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना पड़ता है. लेकिन वर्तमान व्यवस्था में मकान निर्माताओं को इनपुट (निर्माण सामग्री) पर चुकाये गए कर पर छूट का लाभ भी मिलता है. जीएसटी की रविवार को तय दरों के तहत उन्हें (परियोजना निर्माताओं को) इनपुट कर की छूट का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार जमीन-जायदाद की परियोजनाओं में ऐसे मकानों/भवनों पर जीएसटी नहीं लगाती है, जिनकी बिक्री के समय ‘कंप्लीशन सर्टिफिकेट’ मिल चुका होता है. 


जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (जीएसटी दर में कमी का) फैसला निश्चित रूप से भवन निर्माण क्षेत्र को बल प्रदान करेगा.’’वित्त मंत्री ने बताया कि लॉटरी पर जीएसटी के बारे में फैसला आगे के लिए टाल दिया गया है. इस बारे में प्रस्ताव पर चर्चा के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक फिर होगी. इस समय राज्य सरकारों द्वारा संचालित लॉटरी योजनाओं पर 12 प्रतिशत एवं राज्य सरकारों द्वारा अधिकृत लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है.


(इनपुट-एजेंसी से भी)