Petrol Price: ईरान-इजरायल तनाव के बीच महंगा नहीं होगा पेट्रोल-डीजल, केंद्रीय मंत्री ने सुना दी खुशखबरी
Crude Oil Price: हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि तेल की कोई कमी नहीं है. ग्लोबल लेवल पर तनाव के कारण संघर्ष वाले क्षेत्रों से बचने के लिए माल ढुलाई और बीमा शुल्क बढ़ जाता है, इस कारण कीमतें बढ़ती हैं. पुरी ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में क्रूड के दाम नीचे आएंगे.
Petrol-Diesel Price: इजरायल और ईरान में बढ़ रहे तनाव के बीच राहत देने वाली खबर आई है. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से क्रूड ऑयल के रेट में तेजी आई, जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि इसका असर घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के रूप में देखने को मिल सकता है. जानकारों की तरफ से कहा गया कि कीमत में बढ़ोतरी से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा और कीमत में तेजी आ सकती है. लेकिन अब पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राहत देने वाली बात बताई है.
‘तेल की कोई कमी नहीं है’
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दुनिया के पास पर्याप्त कच्चा तेल है. बाजार में इसकी आपूर्ति भी खूब हो रही है, इससे कच्चे तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद है. उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, ‘तेल की कोई कमी नहीं है.’ लेकिन ग्लोबल लेवल पर तनाव के कारण संघर्ष वाले क्षेत्रों से बचने के लिए माल ढुलाई और बीमा शुल्क बढ़ जाता है जिसके कारण कीमतें बढ़ जाती हैं. पुरी ने उम्मीद जताई कि बेहतर समझ कायम होगी और कूटनीति को प्राथमिकता मिलेगी.
भारत जरूरत का 85 प्रतिशत क्रूड ऑयल आयात करता है
उन्होंने कहा कि ग्लोबल लेवल पर तनाव के बावजूद दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है. ब्राजील और गुयाना जैसे देशों से बाजार में खूब आपूर्ति हो रही है. उपलब्धता को लेकर कोई चिंता नहीं है, हम समस्या से पार पाने को लेकर आश्वस्त हैं. गौरतलब है कि भारत अपनी क्रूड ऑयल की जरूरत का 85 प्रतिशत से ज्यादा आयात करता है और ग्लोबल लेवल पर दर में कोई भी वृद्धि न केवल आयात बिल को बल्कि महंगाई को भी बढ़ाती है. उन्होंने कहा, ‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी और नीचे आएंगी....’
70 से बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचे रेट
उन्होंने कहा इस महीने की शुरुआत में इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड की कीमत करीब 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई थीं. इसका कारण पश्चिमी एशिया में बढ़ता तनाव था. बाजार यह देखने के लिए इंतजार कर रहा था कि क्या इजराइल, ईरान के हमले के बाद कोई जवाबी कार्रवाई करेगा. उसके बाद से तेल के दाम गिरकर 73-74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया है. ईरान के मिसाइल हमले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इजराइल, ईरान में तेल या परमाणु सुविधाओं को निशाना बना सकता है.
दूसरी तरफ तेहरान या तो इजराइल पर सीधा हमला करके या फिर दुनिया के सबसे अहम तेल मार्ग... होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करके जवाब देने का ऑप्शन चुन सकता है. इससे तेल की कीमतें और बढ़ जाएंगी. ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है. ग्लोबल तेल का पांचवां हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से गुजरता है. सभी प्रमुख तेल उत्पादकों... सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात से तेल जलडमरूमध्य के रास्ते निर्यात किया जाता है.