ब्लिंकिट की 10 मिनट एम्बुलेंस सर्विस पर सरकार की नजर, रख दी ये शर्त, कहा- उल्लंघन बर्दाश्त नहीं
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ब्लिंकिट की 10 मिनट एम्बुलेंस सर्विस पर सरकार की नजर, रख दी ये शर्त, कहा- उल्लंघन बर्दाश्त नहीं

10 Minute Ambulance Service: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ब्लिंकिट को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह देश के कानून का पालन करती है. ब्लिंकिट ने गुरुवार को पायलट स्कीम के तहत गुरुग्राम के चुनिंदा इलाकों में 10 मिनट की एम्बुलेंस सर्विस शुरू की है.

ब्लिंकिट की 10 मिनट एम्बुलेंस सर्विस पर सरकार की नजर, रख दी ये शर्त, कहा- उल्लंघन बर्दाश्त नहीं

Blinkit Service: क्विक कॉमर्स कंपनी ब्लिंकिट की 10 मिनट एम्बुलेंस सर्विस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ब्लिंकिट को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह देश के कानून का पालन करती है. ब्लिंकिट ने गुरुवार को पायलट स्कीम के तहत गुरुग्राम के चुनिंदा इलाकों में 10 मिनट की एम्बुलेंस सर्विस शुरू की है.

कंपनी के बयान के मुताबिक, यूजर्स को अब ब्लिंकिट ऐप पर एम्बुलेंस बुलाने का भी ऑप्शन मिलेगा. ब्लिंकिट की इस सर्विस को लेकर पूछे गए सवाल पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि 10 मिनट की एम्बुलेंस सेवा शुरू करने वाली ब्लिंकिट जैसी 'क्विक-कॉमर्स' कंपनियों को देश के कानून का पालन करना चाहिए.   

कानून को नहीं तोड़ा जाना चाहिए: पीयूष गोयल

कंपनी के फैसले के बारे में पूछने पर गोयल ने संवाददाताओं से कहा, "ब्लिंकिट द्वारा एम्बुलेंस सेवाएं देने या दवाएं पहुंचाने के बारे में मेरा एकमात्र सुझाव यह होगा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे देश के कानून का पालन करें और जो भी कानूनी आवश्यकताएं हैं, उनका ठीक से ध्यान रखें. देश के किसी भी कानून को नहीं तोड़ा जाना चाहिए." 

छोटे खुदरा विक्रेताओं ने 'क्विक-कॉमर्स' या 'ई-कॉमर्स' कंपनियों के बारे में जो मुद्दे उठाए हैं, उनके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सरकार इस पर नजर रख रही है. 

कानून के उल्लंघन पर कार्रवाई भी

गोयल ने कहा कि सीसीसाई (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) ने पहले ही कुछ मामलों में कार्रवाई की है. उन्होंने कहा, ''जहां तक मुझे पता है, जिन कंपनियों ने कानूनों का उल्लंघन किया है और उनका दुरुपयोग किया है, उन पर कार्रवाई भी की गई है.''

कुछ यूनिकॉर्न स्टार्टअप के वैल्यूशन में भारी गिरावट के बारे में पूछने पर गोयल ने कहा कि ऐसे बहुत कम मामले हैं. उन्होंने कहा कि बाजार की ताकतें मूल्यांकन निर्धारित करती हैं और सरकार उसमें हस्तक्षेप नहीं करती है. 

उन्होंने कहा कि हमने न तो तब हस्तक्षेप किया, जब जेप्टो तीन साल से कम समय में यूनिकॉर्न बन गई और न ही हमने तब हस्तक्षेप किया जब किसी की वैल्यू गिर गई. यह मिसमैनेजमेंट या फाइनेंशियल नॉलेज की कमी के कारण हो सकता है.''

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