Tomato prices hike: चिलचिलाती गर्मी, झुलसा लेने वाली धूप और लू के थपेड़ों ने न लोगों को नींद छीन ली है, बल्कि हीटवेव के चलते जेब पर भी बोझ बढ़ता जा रहा है. गर्मी के चलते महंगाई बढ़ती जा रही है. खाने की थाली से दाल-चावल पहले से गायब हो रहे थे, अब सब्जियों के आसमान छूते दाम ने दूरी बना ली है. गर्मी के चलते हरी सब्जियां, फलों के दाम बढ़ते जा रहे हैं. आलू-प्याज की कीमत के बाद अब टमाटर की कीमत की कीमत शतक लगा चुकी है.  


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हरी सब्जियों की कीमत में तेजी 


सब्जियां और फलों की कीमत बढ़ती गर्मी के साथ कीमत बढ़ती जा रही है. टमाटर के दाम कई शहरों में शतक लगा चुके हैं. दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की कीमत 50 से 60 रुपये किलो बिक रहे हैं. दक्षिण और दक्षिण पूर्व राज्यों में टमाटर 100 के आंकड़े को छूने लगा है. देश के 17 राज्यों में टमाटर की कीमतें 50 रुपए से ऊपर चली गई हैं. देश के 4 राज्यों में टमाटर के दाम 70 रुपए को पार कर चुके हैं. हीट वेव और टमाटर की पैदावार में आई कमी के चलते टमाटर के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं.  


100 रुपये किलो बिक रहा टमाटर  
 
आम तौर पर हर साल मानसून के चलते इस समय टमाटर की कीमत बढ़ जाती है, लेकिन इस साल बारिश नहीं बल्कि हीटवेव के चलते टमाटर समेत हरी सब्जियों की कीमत बढ़ रही है. रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी के साथ सब्जियों की कीमत भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने लगी है. तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में टमाटर की कीमतें 90 रुपए से 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं. मुंबई में टमाटर 80 रुपये किलो बिक रहा है.  अंडमान और निकोबार में टमाटर की कीमतें 100 रुपए के पार जा चुकी हैं. टमाटर के अलावा  फूलगोभी 80 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है, परवल भी खुदरा बाजारों में 60 रुपये प्रति किलोग्राम है. लौकी भी इस समय 60 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रही है. 
 
क्यों महंगी हो रही सब्जियां 


 जून के महीने में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं. टमाटर समेत दूसरी हरी सब्जियों के दाम जेब पर बोझ बढ़ा रहे हैं. भीषण गर्मी के कारण सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचा है. इस वजह से सब्जियों की कीमत इतनी ज्यादा बढ़ गई है. आने वाले दिनों में इसमें राहत की भी उम्मीद नहीं है. मानसून के दस्तक देते ही फसलों को होने वाले नुकसान और यातायात प्रभावित होने से सप्लाई बाधित होगी, जिसका असर सब्जियों की कीमत पर दिखेगा. 


रसोई से गायब होने लगे चावल-दाल


 
पिछले एक साल में जरूरी वस्तुओं के दाम 65 फीसदी तक बढ़ चुके हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें सबसे अधिक बढी हैं. चावल, दाल और खाने-पीने की अन्य वस्तुएं भी महंगी हुई हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 21 जून को चावल की कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर 45 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है. 


दालें हुई महंगी 


मूंग दाल की कीमत 109 रुपये से 10 फीसदी बढ़कर 119 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. मसूर दाल 92 रुपये से बढ़कर 94 रुपये और चीनी का भाव 43 रुपये से बढ़कर 45 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. दूध भी 58 रुपये से बढ़कर 59 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है. हालांकि, इस दौरान खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई है.