कभी थी शेयर बाजार की शान, जिसके दम पर अनिल अंबानी बने थे सबसे रईस, क्यों उसे बेचने की आई नौबत, कौन हैं खरीदार ?
Anil Ambani Reliance Capital: साल 2006 में इस शेयर की कीमत 2800 रुपये प्रति शेयर थी, लेकिन समय का चक्र ऐसा घूमा कि सबकुछ बदल गया. अनिल अंबानी की ये कंपनी कर्ज के जंजाल में फंसकर दिवालिया हो गई. कंपनी के शेयर की वैल्यू ज़ीरो हो गई है. रिलायंस कैपिटल को शेयर बाजार से डीलिस्ट कर दिया गया है.
Anil Ambani Reliance Group: एक वक्त था जब अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल ( Reliance Capital) निफ्टी 50 की शान थी. रिलायंस कैपिटल के शेयर का जलवा था. रिलायंस कैपिटल के शेयर हीरो बने हुए थे. साल 2006 में इस शेयर की कीमत 2800 रुपये प्रति शेयर थी, लेकिन समय का चक्र ऐसा घूमा कि सबकुछ बदल गया. अनिल अंबानी की ये कंपनी कर्ज के जंजाल में फंसकर दिवालिया हो गई. कंपनी के शेयर की वैल्यू ज़ीरो हो गई है. रिलायंस कैपिटल को शेयर बाजार से डीलिस्ट कर दिया गया है. जो कंपनी कभी अनिल अंबानी की लकी चार्म थी, उसके ये हालात कैसे हुई.
2800 रुपये का शेयर, कैसे जीरो हुई वैल्यू
एक वक्त था, जब रिलायंस कैपिटल देश की सबसे बड़ी एनबीएफसी कंपनियों में से एक थी, कंपनी फाइनेंस से जुड़ी करीब 20 सर्विसेस देती थी. लाइफ, जेनरल इंश्यरेस और हेल्थ इंश्योरेंस से लेकर कमर्शियल लोन, होम लोन, इक्विटी और कमोडिटी ब्रोकिंग जैसी तमाम सर्विसेस देने वाली यह कंपनी अनिल अंबानी के बिजनेस पोर्टफोलियो की सबसे सफल कंपनी थी. लेकिन खुद अनिल अंबानी की गलतियों की बदौलत कंपनी पर संकट के बादल तब छाने लगे, कंपनी कर्ज के बोझ में डूबती चली गई.
रिलायंस कैपिटल को भारी घाटा
साल 2018 में रिलायंल कैपिटल को भारी घाटा हुआ, लेकिन फिर भी इसकी वैल्यू 93815 करोड़ रुपये थी. लेकिन कंपनी का नुकसान बढ़ता ही चला गया. नुकसान और कर्ज के बढ़ते बोझ के चलते अनिल अंबानी की ये कंपनी बिकने की कगार पर पहुंच गई. हालात ये हैं कि अनिल अंबानी को एक समय सबसे अमीर बनाने वाली कंपनी , बिकने जा रही है. अरबपति फैमिली हिंदुजा ग्रुप इस कंपनी को खरीदने जा रहे हैं. रिलायंस कैपिटल को एमसीएलटी के जरिए हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स खरीदने जा रही है. हिंदुजा समूह की कंपनी ने रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 9650 करोड़ रुपये की बोली लगाई.
जीरो नेटवर्थ
अनिल अंबानी कंपनी और अपने कारोबार को संभाल नहीं पाए. एक साथ कई नावों की सवारी उनपर भारी पड़ी. उन्होंने एक साथ कई कारोबार का विस्तार करना शुरू कर दिया और हालात ये हुई कि वो उन्हें संभाल नहीं पाए और भारी कर्ज में फंस गए. कर्ज से परेशान अनिल अंबानी ने इंग्लैंड की कोर्ट के सामने खुद को दिवालिया बता दिया, अपनी नेटवर्थ जीरो बताई. उन्होंने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वो कर्ज का बकाया चुका सके.
रिलायंस कैपिटल पर कितना कर्ज
कभी अनिल अंबानी की सबसे कमाई करने वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल भारी कर्ज में डूब गई. कंपनी पर 38000 करोड़ से अधिक का कर्ज हो गया. कर्ज के इस भारी भरकम बोझ के चलते 30 नंवंबर 2021 को रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया गया. इसके बाद से कंपनी की इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू हुई. जिसमें हिंदुजा ग्रुप ने सबसे अधिक 9650 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था , जिसे कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने पिछले साल मंजूदी दे दी.