Semiconductor Hub in India: आज पीएम मोदी ने 1.25 लाख करोड़ के तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं का शिलान्यास किया. इसके साथ ही भारत ने सेमीकंडक्टर की रेस में खुद को शामिल कर लिया है. आज जिन तीन सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट की नींव रखी गई, उसमें से दो प्लांट गुजरात में और एक असम में खोले जाएंगे. भारत सेमीकंडक्टर पर चीन, ताइवान जैसे देशों पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है. वहीं इसकी डिमांड को देखते हुए वो चिप मेकिंग में खुद को आत्मनिर्भर बनाने की ओर बढ़ रहा है. अगर सेमीकंडक्टर के बाजार की बात करें तो भारत में इसका मार्केट 24 अरब डॉलर का है. वहीं दुनिया में साल 2025 तक इसकी डिमांड बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी. साल 2030 तक इसका मार्केट 110 अरब डॉलर को पार कर जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का 'दिल' और फ्यूचर का 'ऑयल' कहलाने वाले सेमीकंडक्टर पर पूरी दुनिया टकटकी लगाकर देख रही है. ऐसे में अभी सबकी निगाहें गुजरात के शहर धोलेरा पर है, जो सेमीकंडक्टर का हब बनकर उभर रहा है. 


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भारत के लिए क्यों जरूरी है सेमीकंडक्टर  


धोलेरा की बात करें उससे पहले समझते हैं कि भारत के लिए इस सेमीकंडक्टर की जरूरत क्या है? भारत सेमीकंडक्ट के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर है. लेकिन अब भारत इस दिशा में न केवल खुद को आत्मनिर्भर कर रहा है, बल्कि सेमीकंडक्टर का निर्यात तक अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में बढ़ रहा है. चिप बनाना इतना आसान नहीं था, लेकिन सरकार की ओर से इसके लिए जरूरी इको सिस्टम तैयार किया गया.  सेमीकंडक्टर का निर्माण करने वाली चिप मेकिंग कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए इंसेटिंव स्कीम शुरू की गई. भारत में फिलहाल सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए 10 अरब डॉलर का इंसेंटिव देने का ऐलान किया गया है.  अब बात गुजरात ही क्यों सेमीकंडक्टर कंपनियों की पसंद बनकर उभर रहा है. 


गुजरात का धोलेरा बन रहा पहली पसंद  


सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए गुजरात पहली पसंद बनकर उभर रहा है. गुजरात के साणंद और धोलेरा में सेमीकंडक्टर प्लांट शुरू हो रहे हैं. सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉलेयूशन साणंद में और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड धोलेरा में अपने प्लांट शुरू किए है. लोगों के मन में सवाल है कि आखिर क्यों गुजरात ही सेमीकंडक्टर कंपनियों की पहली पसंद बनकर उभर रहा है. 


गुजरात के धोलेरा की खासियत


गुजरात सरकार ने खुद को सेमीकंडक्टर का हब बनाने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं. गुजरात देश का पहला राज्य है, जिसने अपनी सेमीकंडक्टर पॉलिसी लॉन्च की. भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के साथ तालमेल बिठाते हुए गुजरात ने साल 2022 में अपनी सेमीकंडक्टर नीति पेश की थी. गुजरात सरकार ने राज्य में सेमीकंडक्टर कंपनियों ने लिए इको सिस्टम तैयार किया. गुजरात सरकार ने सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए कंपनियों को जमीन आवंटित की. खुद को सेमीकंडक्टर कंपनियों की पहली पसंद बनाने के लिए गुजरात सरकार कंपनियों के लिए सकारात्मक माहौल तैयार कर रही है. राज्य सरकार ने देश का पहला सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट बनाने के लिए टाटा समूह को धोलेरा में 160 एक्ट जमीन आवंटित की.


कंपनियों को क्यों भा रहा गुजरात का धोलेरा ? 


धोलेरा की बात करें तो अहमदाबाद से 100 मिली दूर बसा शहर धोलेरा ग्रीनफिल्ड इंडस्ट्रियल सिटी के तौर पर उभर रहा है. इसकी तुलना सिंगापुर से की जाती है. 920 वर्ग किमी में फैला यह शहर अहमदाबाद से भी बड़ा है.  यह शहर गुजरात के चार मुख्य शहर अहमदाबाद, बड़ौदा, राजकोट और भावनगर से लिंक है.  6 लेन एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, मेट्रो रेल नेटवर्क इसकी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाते हैं.कंपनियों के लिए यहां निवेश आसान है. सरकार की नीतियों का समर्थन इसे मिल रहा है. गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी (Gujarat Semiconductor Policy) शहर को इस दिशा में बढ़ावा दे रही है. राज्य की सेमीकंडक्टर पॉलिसी का मकसद रणनीतिक क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं के वैश्विक पुनर्गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है.  गुजरात के धोलेरा में लॉजिस्टिक्स एंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम और वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है. गुजरात सरकार ने धोलेरा को स्पेशल इंवेस्टेमेंट रीजन ( SIR) के तौर पर विकसित किया है. यहां स्टेट ऑफ दि आर्ट इंडस्ट्रियल यूटिलिटीज उपलब्ध है, जो ग्लोबल कंपनियों को यहां निवेश करने के लिए आकर्षित करती है. धोलेरा में उपलब्ध इंडस्ट्रियल सुविधाओं और सरकार की सहभागिता इसे सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए सही रणनीतिक स्थल बनाता है. आज धोलेरा गुजरात का सेमीकॉन सिटी बन चुका है.