Bank Account Rules: मोदी सरकार आने के बाद देश के ज्‍यादातर लोगों के पास बैंक अकाउंट है. मोदी सरकार ने जनधन योजना के तहत देश के सभी नागर‍िकों का बैंक अकाउंट खुलवाने का प्रयास क‍िया है. एक र‍िपोर्ट के अनुसार देशी की 95 प्रत‍िशत आबादी के पास आज बैंक अकाउंट है. कुछ लोगों के एक से ज्‍यादा बैंक अकाउंट हैं. वित्तीय लेनदेन के ल‍िए बैंक अकाउंट का होना काफी जरूरी है. इसके माध्‍यम से आप सुरक्ष‍ित लेनदेन कर सकते हैं. साथ ही इसमें आपकी जमा पूंजी भी सुरक्ष‍ित रहती है.

 

आमतौर पर लोगों के पास सेव‍िंग अकाउंट

कुछ लोगों के पास एक नहीं कई बैंकों में अकाउंट रहते हैं. लेक‍िन क्‍या आपको पता है क‍ि क‍िसी भी आम आदमी के पास कितने बैंक अकाउंट हो सकते हैं. आपको बता दें बैंक अकाउंट भी कई प्रकार के होते हैं जैसे- सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट और ज्वॉइंट अकाउंट आद‍ि. आमतौर पर लोगों के पास सेव‍िंग अकाउंट ही होता है. इस अकाउंट का मकसद ही सेव‍िंग करना होता है. इस खाते में त‍िमाही के आधार पर बैंक की तरफ से ब्याज भी मिलता है.

 

बैंकिंग और अकाउंट

बिजनेस करने वाले लोग करंट अकाउंट खुलवाते हैं. इस तरह के अकाउंट में लेनदेन काफी रहता है. वहीं, सैलरी अकाउंट ऐसे लोगों का होता है ज‍िनकी हर महीने सैलरी आती है. अगर हर महीने आपकी सैलरी आ रही है तो इस अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना जरूरी नहीं होता. लगातार तीन महीने तक सैलरी नहीं आने पर ये अकाउंट सेव‍िंग अकाउंट में बदल जाता है. इस अकाउंट को आप नौकरी बदलते समय भी बंद कर सकते हैं.

 

ज्‍वाइंट अकाउंट क्‍या है?

ज्‍वाइंट अकाउंट दो या दो से ज्‍यादा ब‍िजनेस पार्टनर या पत‍ि-पत्‍नी खुलवा सकते हैं. यह अकाउंट कई तरह से फायदेमंद होता है. ज्‍वाइंट अकाउंट से आपकी फाइनेंश‍ियल लाइफ आसान बनी रहती है. इस तरह के अकाउंट में सेव‍िंग करना सेव‍िंग अकाउंट की तुलना में ज्‍यादा आसान होता है. आप इस तरह का खाता खुलवाकर अपनी ज‍िंदगी के टार्गेट को आसानी से पूरा कर सकते हैं.

 

क‍ितने बैंक अकाउंट की ल‍िम‍िट

यद‍ि आप यह पूछे क‍ि आरबीआई के अनुसार एक व्‍यक्‍त‍ि क‍ितने बैंक अकाउंट खोल सकता है? तो इसका जवाब है कोई भी व्‍यक्‍त‍ि क‍ितने भी बैंक अकाउंट खुलवा सकता है. इसका कोई न‍ियम और तय ल‍िमिट नहीं है. लोग अपनी जरूरत के ह‍िसाब से अलग-अलग बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं.