PM Internship Scheme: युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद से केंद्र सरकार ने आज से प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की शुरुआत कर दी है. इस योजना के तहत इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को 5,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी. इसके अलावा, उन्हें इंटर्नशिप के लिए ‘जॉइन’ करने को लेकर एकबारगी 6,000 रुपये की सहायता दी जाएगी.


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सरकारी सूत्रों ने बताया है कि चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है. इस पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. 


पांच साल में एक करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी. इसके तहत पांच साल में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों में प्रशिक्षण का अवसर दिया जाएगा. उन्हें वास्तविक रूप से कारोबारी माहौल, विभिन्न कारोबार क्षेत्रों में 12 महीने कामकाज के गुर सीखने का मौका मिलेगा और साथ ही रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. 


सूत्रों का कहना है कि इस योजना को ऑनलाइन पोर्टल...www.pminternship.mca.gov.in के जरिये लागू किया जाएगा. पोर्टल का विकास कॉरपोरट कार्य मंत्रालय ने किया है. इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कवर दिया जाएगा. इसके लिए प्रीमियम का भुगतान सरकार करेगी. 


इस नियम में भी लागू होगा आरक्षण


इसके अलावा, कंपनियां चयनित उम्मीदवार को अतिरिक्त दुर्घटना बीमा उपलब्ध करा सकती हैं. सूत्रों ने कहा कि पायलट परियोजना दिसंबर के पहले सप्ताह में पूरी होने की उम्मीद है. उसके बाद इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण का नियम इस योजना में भी लागू होगा. 


उन्होंने कहा कि पोर्टल के माध्यम से भागीदार कंपनियां इंटर्नशिप के अवसर प्रदान कर सकती हैं. पायलट परियोजना के लिए शीर्ष कंपनियों की पहचान पिछले तीन साल में उनके सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) व्यय के औसत के आधार पर की गई है. जो उम्मीदवार प्रशिक्षण चाहते हैं, वे अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते है. इंटर्नशिप एक साल के लिए होगी.


हर महीने मिलेंगे 5000 रुपये


कोई भी अन्य कंपनी/बैंक/वित्तीय संस्थान मंत्रालय की मंजूरी से इस योजना में भाग ले सकते हैं. प्रशिक्षुओं को प्रति माह 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. कुल राशि में से 4,500 रुपये सरकार सीधे चयनित उम्मीदवार के बैंक खाते में डालेगी जबकि 500 रुपये कंपनी अपने सीएसआर कोष से भुगतान करेगी. योजना के तहत प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण से जुड़ा खर्च कंपनी अपने सीएसआर कोष से उठाएगी. 


सूत्रों ने कहा कि पूर्णकालिक नौकरी और पढ़ाई नहीं कर रहे 21 साल से 24 साल के युवा इसके लिए पोर्टल के जरिये आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन/दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों से जुड़े उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र हैं. पात्रता मानदंड के बारे में सूत्रों ने कहा कि जिन उम्मीदवारों ने हाई स्कूल, उच्च माध्यमिक स्कूल से पास किया है, आईटीआई का प्रमाण पत्र है, पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा है, या बीए, बी.एससी, बी.कॉम, बीसीए, बीबीए, बी.फार्मा जैसी डिग्री के साथ स्नातक हैं, वे इसके लिए पात्र होंगे. 


कोई भी कंपनियां ले सकती हैं हिस्सा


योजना से जुड़ी भागीदार कंपनियों के पास पोर्टल पर एक अलग से ‘डैशबोर्ड’ होगा. वहां वे इंटर्नशिप के अवसर, स्थान, काम का स्वरूप, आवश्यक योग्यता और प्रदान की जाने वाली किसी भी सुविधा का विवरण डाल सकते हैं. पात्र उम्मीदवार पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं. 


वहां उनके विवरण का उपयोग ‘बायोडाटा’ तैयार करने के लिए किया जाएगा. उम्मीदवार अपने पसंदीदा क्षेत्रों, भूमिकाओं और स्थानों के आधार पर इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं. मामले में कोई शिकायत आने पर संबंधित कंपनी का नोडल अधिकारी इसका निपटान करेगा. जबकि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय योजना पर नजर रखेगा.