टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं! जानिए क्या है ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम जिससे आप तक पहुंचेगी सरकार
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टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं! जानिए क्या है ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम जिससे आप तक पहुंचेगी सरकार

Tax Ssytem in India: टैक्स चोरी की आशंका वाले कुछ वस्तुओं के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ तंत्र लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत ऐसी वस्तुओं या पैकेट पर एक यूनिक कोड लगाया जाएगा, ताकि सप्लाई चेन में उनका पता लगाया जा सके. 

टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं! जानिए क्या है ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम जिससे आप तक पहुंचेगी सरकार

GST Council Meet: जीएसटी काउंसिल ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) चोरी रोकने के लिए अहम कदम उठाते हुए शनिवार को टैक्स चोरी की आशंका वाले कुछ वस्तुओं के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ तंत्र लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत ऐसी वस्तुओं या पैकेट पर एक यूनिक कोड लगाया जाएगा, ताकि सप्लाई चेन में उनका पता लगाया जा सके. 

सरकार द्वारा इस सिस्टम को लागू में लाने का उद्देश्य केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) अधिनियम, 2017 में धारा 148A के माध्यम से एक प्रावधान शामिल करना है, ताकि सरकार को कर चोरी की संभावना वाले उत्पादों पर नजर रखने और पता लगाने (ट्रैक एंड ट्रेस)के तंत्र को लागू करने के लिए सशक्त बनाया जा सके. 

वस्तुओं या पैकेट पर चिपकाया जाएगा कोड

वित्त मंत्रालय ने यहां परिषद की 55वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "यह प्रणाली विशिष्ट पहचान चिह्न पर आधारित होगी, जिसे उक्त वस्तुओं या उनके पैकेट पर चिपकाया जाएगा. इससे ऐसी प्रणाली विकसित करने के लिए कानूनी ढांचा उपलब्ध होगा और आपूर्ति श्रृंखला में निर्दिष्ट वस्तुओं का पता लगाने के लिए तंत्र के कार्यान्वयन में मदद मिलेगी."

इसमें कहा गया है, "यह स्पष्ट किया जाता है कि अपंजीकृत प्राप्तकर्ताओं को ऑनलाइन मनी गेमिंग, ओआईडीएआर सेवाओं आदि जैसी ‘ऑनलाइन सेवाओं’ की आपूर्ति के संबंध में, आपूर्तिकर्ता को कर चालान पर अपंजीकृत प्राप्तकर्ता के राज्य का नाम अनिवार्य रूप से दर्ज करना आवश्यक है और प्राप्तकर्ता के राज्य का ऐसा नाम आईजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 12(2)(बी) के प्रयोजन के लिए प्राप्तकर्ता के रिकॉर्ड में दर्ज पता माना जाएगा, जिसे सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 46(एफ) के प्रावधान के साथ पढ़ा जाएगा." 

वस्तुओं पर जीएसटी दर के बारे में लिए गए निर्णय के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि परिषद ने ‘ फोर्टिफाइड राइस कर्नेल’ (एफआरके) पर दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया है और जीन थेरेपी पर भी जीएसटी से छूट दी है. 

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