Investment: शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. करोड़ों लोग शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट कर रहे हैं. वहीं जब भी लोग शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करते हैं तो उन्हें डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है और डीमैट अकाउंट ब्रोकर के जरिए खोला जाता है. ऐसे में लोगों को ब्रोकर को चुनते वक्त भी काफी सावधानी बरतने की जरूरत है और आज के दौर में शेयर बाजार में ब्रोकर चुनते वक्त काफी सावधानी भी बरतनी चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में...


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तकनीक से लैस हो


वर्तमान दौर में टेक्नोलॉजी का बोलबाला है. ऐसे में आप जो भी ब्रोकर चुनें, वो टेक्नोलॉजी से अपडेट होना चाहिए. जितनी बेहतर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आपका ब्रोकर कर रहा होगा, उतना ही शानदार रिजल्ट आपको ब्रोकर के साथ काम करते हुए मिलेगा. ब्रोकर के जरिए इंवेस्टमेंट और ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध करवाया जाता है. ये प्लेटफॉर्म जितना टेक्नोलॉजी से लैस होगा, उतना बेहतर अनुभव होगा. साथ ही आपके जरिए खरीदे गए शेयर और अकाउंट में मौजूद पैसा भी सुरक्षित रहेगा.


रिसर्च प्रोवाइड करे


शेयर मार्केट से जुड़ी रिसर्च लोगों को काफी लाभ दे सकती है. ऐसे में अगर कोई ब्रोकरेज हाउस लोगों को रिसर्च प्रोवाइड करता है तो यह निवेशकों के लिए काफी शानदार बात हो सकती है.


ब्रोकर चार्ज


आपके हर लेनदेन पर ब्रोकर अपना चार्ज भी शामिल करता है. ऐसे में उस ब्रोकरेज हाउस को चुनें, जो बेहतर सर्विस उपलब्ध करवाता हो और ब्रोकरेज चार्ज भी कम हो. कई बार लोगों पर ब्रोकरेज चार्ज काफी हावी हो जाता है.


फर्जी ना हो


कई बार लोग गलत ब्रोकर के चक्कर में फंस जाते हैं, जो लोगों के साथ फ्रॉड की वारदात को अंजाम देता है. ऐसे में ब्रोकर को चुनते वक्त अपने लेवल पर उस ब्रोकर के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें. इसके बाद ही किसी ब्रोकर का चुनाव करें.