Dividend Income: अगर आप भी हर साल इनकम टैक्‍स का भुगतान करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार साल में पर्सनल इनकम टैक्‍स में हुई बढ़ोतरी का 60-65% हिस्सा ड‍िव‍िडेंड से होने वाली आमदनी पर द‍िये जाने वाले टैक्‍स की वजह से हुआ है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया क‍ि भले ही प‍िछले कुछ सालों में लोगों की जेब खर्च में बढ़ोतरी कम हुई है, फिर भी ड‍िव‍िडेंड पर लगने वाला टैक्‍स पर्सनल इनकम टैक्‍स में तेजी से हो रहे इजाफे को दर्शाता है.


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2024 में टैक्‍स बढ़कर कुल GDP का 3.5% हो गया


पिछले चार साल (FY 2021-24) में पर्सनल इनकम टैक्‍स में कंपनियों के टैक्स (कॉर्पोरेट टैक्स) को छोड़कर, अन्य लोगों और सोर्स से मिलाकर टैक्स 20% की दर से बढ़ा है. फाइनेंश‍ियल ईयर 2024 में टैक्‍स बढ़कर कुल जीडीपी का 3.5% हो गया है. यह आंकड़ा कोरोना से पहले के सालों में महज 2.5% हुआ करता था. दूसरी तरफ, पिछले चार साल में लोगों की जेब खर्च (पर्सनल ड‍िस्‍पोजेबल इनकम) और जीडीपी की वृद्धि 10% से कम रही है.


ड‍िव‍िडेंड ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स खत्‍म होने का असर
वित्त मंत्री ने साल 2020-21 के बजट भाषण के दौरान घोषणा की थी कि ड‍िव‍िडेंड ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स (DDT) को खत्म किया जाएगा और ड‍िव‍िडेंड टैक्‍सेशन का पारंपरिक स‍िस्‍टम अपनाया जाएगा. इसके तहत कंपनियों को डीडीटी (DDT) का पेमेंट करने की जरूरत नहीं होगी. अब ड‍िव‍िडेंड पर केवल प्राप्तकर्ता पर ही उनकी लागू दर के अनुसार टैक्‍स लगाया जाएगा.'


मतलब यह हुआ क‍ि वित्त वर्ष 2021 में पहले वाले तरीके से लगने वाला ड‍िव‍िडेंड ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स (DDT) खत्म हो गया और इसे कंपनी टैक्‍स से निकालकर पर्सनल इनकम टैक्‍स में शामिल क‍िया गया. रिपोर्ट में बताया गया क‍ि 'इस बदलाव के साथ, ड‍िव‍िडेंड पर लगने वाला टैक्‍स की दर को भी 15% से बदलकर पर्सनल इनकम टैक्‍स की लागू दर के अनुसार कर दिया गया. कोरोना महामारी के बाद के सालों में पर्सनल इनकम टैक्‍स हुए इजाफे का करीब 60-65% इन दो बदलावों के कारण है.'


फाइनेंश‍ियल ईयर 2020 में कंपनी टैक्‍स के तहत ड‍िव‍िडेंड ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स (DDT) 50,000 करोड़ रुपये या जीडीपी का 0.3% था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया क‍ि अमेरिका में साल 2023 में टॉप 20% आमदनी अर्जित करने वालों के पास 87% कॉर्पोरेट इक्‍व‍िटी और म्यूच्यूअल फंड शेयर थे. भारत में भी इसी तरह का रुझान देखने को मिल सकता है, जिसकी वजह से वित्त वर्ष 2021 से उन्हें मिलने वाले ड‍िव‍िडेंड पर ज्यादा टैक्स लगेगा. सरचार्ज समेत ड‍िव‍िडेंड पर प्रभावी कर की दर 35-40% हो सकती है, जो वित्त वर्ष 2021 से पहले की दर से दोगुनी है.'