नई दिल्ली. समीर दीक्षित: संकट से जूझ रही कंपनी आईएलएंडएफएस के अटके हुए इंफ्रा प्रोजेक्ट जल्द ही एनएचएआई को सौंपे जा सकते हैं. हाल ही में आईएलएंडएफएस के नवगठित बोर्ड के अधिकारियों ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात कर आईएलएंडएफएस के अटके हुए रोड प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से चर्चा की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नए बोर्ड अधिकारियों ने गडकरी से इन अटके हुए प्रोजेक्ट को सुलझाने के लिए मदद मांगी है. सरकार आईएलएंडएफएस के इंफ्रा प्रोजेक्ट को सुलझाने और इसमें रफ्तार लाने के लिए तीन कदमों पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही आईएलएंडएफएस के अटके हुए प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए एक स्वतंत्र इंजीनियर की नियुक्त कर सकती है. ये स्वतंत्र इंजीनियर इन प्रोजेक्ट की एक्चुअल रिपोर्ट बनाने का काम करेंगे. 


दूसरे कदम के तौर पर सरकार विचार कर रही है कि जिन प्रोजेक्ट में 50 फीसदी से ज्यादा काम हो गया है, उसको एनएचएआई टेकओवर कर ले. इस कदम के तहत सरकार कांट्रेक्टर को उसके काम का पैसा देकर पूरा प्रोजेक्ट टेकओवर कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक ऐसे करीब पांच प्रोजेक्ट हैं, जिसको सरकार टेकओवर कर सकती है. हालांकि इस बारे में कोई अंतिम फैसला आईएलएंडएफएस के बोर्ड अधिकारियों की बैठक के बाद होगा.


इसके अलावा सरकार प्रोजेक्ट को फाइनेंस भी कर सकती है. यानी अगर प्रोजेक्ट में 40 से 50 फीसदी तक काम हुआ है तो बाकी बचे हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार फाइनेंसिंग भी कर सकती है. हालांकि बात साफ है कि आईएलएंडएफएस के अटके हुए इंफ्रा प्रोजेक्ट को सुलझाने का बोझ अगर एनएचएआई पर आता है, तो उस पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा. इसे कम करने के लिए सरकार बाजार से उधारी जैसे कदमों पर आगे चलकर विचार कर सकती है. सरकार ने ये साफ किया है कि आईएलएंडएफएस के इंफ्रा संकट को सुलझाने के लिए वो हर संभव मदद करेगी.