Pakistan Crisis: पाकिस्तान की जनता को एक और झटका, IMF से राहत पैकेज लेने के लिए सरकार ने उठाया कदम
IMF: सरकार की तरफ से किए गए इस बदलाव से औद्योगिक के साथ आम ग्राहकों को अपनी जेब पहले से ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. वित्तीय प्रोत्साहन की शर्तों के तहत यह कदम उठाया गया है.
Pakistan Economic Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने देश की जनता को एक और झटका दिया है. पाक सरकार की तरफ से अब प्राकृतिक गैस पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. इससे पहले सरकार ने बिजली की दरों को बढ़ाकर आम आदमी को झटका दिया था. सरकार की तरफ से किए गए इस बदलाव से औद्योगिक के साथ आम ग्राहकों को अपनी जेब पहले से ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. वित्तीय प्रोत्साहन की शर्तों के तहत यह कदम उठाया गया है. दरअसल, आईएमएफ की तरफ से लोन देने की शर्तों में सब्सिडी खत्म करने की बात कही गई है.
स्थायी राजस्व उपायों पर आईएमएफ का जोर
आईएमएफ ने अपनी शर्तों में कहा है कि पाकिस्तान जनता को दी जाने वाली सब्सिडी कम करें और राजस्व में बढ़ोतरी करे. आईएमएफ का जोर स्थायी राजस्व उपायों पर है. सरकार के इस प्रयास का मकसद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से छह अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज को पटरी पर लाना है. इसके तहत घरेलू और औद्योगिक ग्राहकों के लिये प्राकृतिक गैस पर टैक्स की दर को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 112 प्रतिशत किया गया है. बिजली की दर में भी इसी प्रकार की तेज वृद्धि की आशंका जताई जा रही है.
पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट, पिछली गर्मियों में आई विनाशकारी बाढ़ और हाल में हिंसा बढ़ने के कारण उपजी अस्थिरता से जूझ रहा है. साल 2019 के प्रोत्साहन पैकेज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 1.2 अरब डॉलर दिसंबर से रुका हुआ है. मुद्राकोष ने पाकिस्तान से और अधिक नकदी जुटाने का आग्रह किया है. विशेषज्ञों ने कहा कि प्राकृतिक गैस पर कर बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ेगी. इससे पहले से बढ़ी हुई महंगाई और तेज होगी. (Input: PTI से भी)
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