वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि भारत में पिछले पांच साल के दौरान कई महत्वपूर्ण सुधार किये गये हैं. हालांकि, उसने कहा कि अभी और सुधार किये जाने की जरूरत है. आईएमएफ के निदेशक (संचार) गैरी राइस ने गुरुवार को एक सवाल के जवाब में कहा, 'भारत पिछले पांच साल के दौरान करीब सात प्रतिशत की सालाना औसत आर्थिक वृद्धि दर के साथ सबसे तेजी से वृद्धि करती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से एक रहा है.' 


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उन्होंने कहा, 'कई महत्वपूर्ण सुधार किये गये हैं और हमें लगता है कि भारत को तेज वृद्धि बनाये रखने के लिये उपलब्ध जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic dividend) के अवसरों को भुनाने समेत कुछ अन्य सुधार करने होंगे.' राइस ने कहा कि अगले महीने विश्वबैंक के साथ आईएमएएफ की होने वाली बैठक से पहले वैश्विक आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण जारी होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में सर्वेक्षण में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. यह भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ के नेतृत्व में पहला सर्वेक्षण होगा. गोपीनाथ को पिछले साल आईएमएफ ने मुख्य अर्थशास्त्री बनाया था.


IMF ने दी चेतावनी, वृद्धि धीमी रहने पर कभी भी उठ सकता है वैश्विक आर्थिक ‘बवंडर’


IMF ने पिछले महीने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2019 में 7.5 फीसदी और 2020 में 7.7 फीसदी की रफ्तार से विकास करेगी. इस दौरान चीन की अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. IMF ने वर्ल्ड इकोनॉमी को लेकर कहा था कि भारत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती दिख रही हैं. इस दौरान कच्चे तेल की कीमत में कमी और महंगाई पर दबाव कम रहेगा.