नई दिल्‍ली: वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की अध्‍यक्षता में जीएसटी (GST) काउंसिल की महत्‍वपूर्ण बैठक शुक्रवार (4 मई) को हुई. इसमें सभी व्‍यवसायों के लिए सिंगल मंथली रिटर्न व्‍यवस्‍था छह माह में लागू करने समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. वित्‍त मंत्री ने बताया कि बैठक में पहले साल की शानदार कर वसूली की सराहना हुई. सदस्‍यों ने राजस्‍व में बढ़ोतरी पर संतोष प्रक‍ट किया. इसके साथ ही जीएसटी नेटवर्क को सरकारी कंपनी बनाने का रास्‍ता साफ हो गया है. इसमें अब प्राइवेट कंपनियों की 51 फीसदी हिस्‍सेदारी खत्‍म होगी. जेटली ने सुझाव दिया कि अब केंद्र सरकार की हिस्‍सेदारी 50 फीसदी होगी और बाकी राज्‍यों में बराबर अनुपात में 50 फीसदी हिस्‍सेदारी बांटी जाएगी. हिस्‍सेदारी राज्‍यों के जीएसटी में योगदान को देखकर बांटी जाएगी. वहीं गन्‍ना किसानों का बकाया निपटाने के संबंध में भी फैसला किया गया. इसके लिए पांच मंत्रियों का एक समूह बनेगा जो दो हफ्ते में अपनी सिफारिश सौंपेगा कि कैसे इस स्थिति से निपटा जाए जब कमोडिटी की लागत उसके मूल्‍य से ज्‍यादा आ रही है. इस कमेटी की घोषणा दो दिन में की जाएगी.


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सिंगल मंथली रिटर्न व्‍यवस्‍था छह माह में आएगी
वित्‍त सचिव हसमुख अधिया
ने बताया कि जीएसटी के लिए सिंगल मंथली रिटर्न का सिस्‍टम छह माह में प्रभाव में आ जाएगा. इससे पहले जेटली ने वित्‍त सचिव को जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बनाने के प्रस्‍ताव की व्‍यावहारिकता जांचने के लिए कहा था. यह कंपनी नई अप्रत्‍यक्ष कर व्‍यवस्‍था में आईटी सपोर्ट मुहैया कराती है.



2013 में बनी थी जीएसटीएन
जीएसटीएन कंपनी में 5 प्राइवेट संस्‍थानों की 51% हिस्‍सेदारी थी, जिसमें एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एनएसई स्‍ट्रेटजिक इनवेस्‍टमेंट कंपनी और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड शामिल थीं. यह कंपनी संप्रग सरकार के समय 28 मार्च, 2013 को बनी थी. इसमें शेष 49% हिस्‍सेदारी केंद्र व राज्‍यों के पास थी.


अप्रैल में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ के पार
अप्रैल, 2018 में जीएसटी वसूली 1.03 लाख करोड़ रुपये हुई. वित्त वर्ष 2017-18 में यह 7.41 लाख करोड़ रुपये रहा. मार्च में यह 89,264 करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय के मुताबिक कुल सकल अप्रत्‍यक्ष कर वसूली अप्रैल 2018 में 1,03,458 करोड़ रुपये रहा. इसमें सीजीएसटी 18,652 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 25,074 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 50,548 करोड़ रुपये था.