Union Budget 2024: व‍ित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव होने के कारण 1 फरवरी 2024 को अंतर‍िम बजट पेश करेंगी. इससे पहले वह पांच बार आम बजट संसद में पेश कर चुकी हैं. इस तरह वह लगातार छठी बार बजट पेश करने वाली पहली व‍ित्‍त मंत्री होंगी. आजादी के बाद से बजट पेश करने की परंपरा में कई तरह के बदलाव आए हैं. इन्‍हीं बदलावों में से एक समय को लेकर है. दो दशक पहले के बजट सेशन पर नजर डालें तो केंद्रीय बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. लेक‍िन अब इसे सुबह 11 बजे पेश क‍िया जाता है. क‍िसने और क्‍यों क‍िया यह बदलाव आइए जानते हैं?


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1999 में क‍िया गया बदलाव


शाम में बजट पेश क‍िये जाने से जुड़ी जानकारी हो सकता है कुछ लोगों के ल‍िए नई हो. ऐसे में यह जानना भी रोचक होगा क‍ि केंद्रीय बजट शाम के समय क्‍यों पेश क‍िया जाता था और अब इसे 11 बजे क्यों पेश किया जाता है? दरअसल, आजादी के बाद अंग्रेजों की कई परंपराओं को सालों तक न‍िभाया गया. इसी में से एक परंपरा बजट को शाम 5 बजे पेश करना भी रही. लेक‍िन साल 1999 में इसमें बदलाव क‍िया गया.


क‍िसने बदली परंपरा
साल 2001 में एनडीए की सरकार थी और अटल ब‍िहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. तत्‍कालीन व‍ित्‍त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश क‍िये जाने का समय बदलकर शाम‍ 5 बजे से सुबह 11 बजे कर द‍िया था. इसके बाद हर साल आम बजट को संसद में सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है. 2004 में बनी यूपीए सरकार ने भी सुबह में बजट पेश करने की परंपरा को न‍िभाया.


शाम के समय बजट करने का कारण
अंग्रेजों के शासनकाल में शाम 5 बजे बजट पेश क‍िया जाता था. शाम के समय बजट पेश करने का अहम कारण ब्र‍िटेन का बजट था. ब्रिटेन में सुबह 11 बजे बजट पेश किया जाता था. इसमें भारत का भी बजट शामिल होता था. भारतीय संसद में भी उसी समय बजट पेश करना जरूरी था. दरअसल, जब भारत में शाम के 5 बजे का टाइम होता था तो ब्रिटेन में उस समय 11.30 का टाइम होता था. ब्रिटिश सरकार में शुरू हुई परंपरा को आजादी के बाद भी न‍िभाया गया.


आम बजट में ही शामिल हुआ रेल बजट
मोदी सरकार की तरफ से हर साल 28 फरवरी को पेश क‍िये जाने वाले आम बजट को 1 फरवरी को पेश क‍िया जाने लगा. इसके साथ ही मोदी कार्यकाल में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही रेल बजट की परंपरा को खत्‍म कर द‍िया. सरकार ने अलग से पेश होने वाले रेल बजट को भी आम बजट में ही शामिल कर दिया. रेल बजट की परंपरा खत्म करने का सुझाव तत्‍कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु की तरफ से द‍िया गया था.