अगले वित्त वर्ष में किस रफ्तार से बढ़ेगी देश की इकोनॉमी, EY ने अपनी रिपोर्ट ने लगाया GDP ग्रोथ का अनुमान
भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. देश की जीडीपी ग्रोथ को वेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2025 और 2026 में भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रह सकती है.
India GDP Growth: भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. देश की जीडीपी ग्रोथ को वेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2025 और 2026 में भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रह सकती है. 'ईवाई इकोनॉमी वॉच दिसंबर 2024' की रिपोर्ट में भारत के जीडीपी ग्रोथ को लेकर अनुमान लगाया है. उस अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 की पहली दो तिमाहियों की रियल जीडीपी ग्रोथ क्रमश: 6.7 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत रह सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई के संशोधित विकास अनुमानों के साथ वित्त वर्ष 2025 की तीसरी और चौथी तिमाही के लिए क्रमशः 6.8 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत को एक साथ देखने के बाद "वार्षिक वित्त वर्ष 2025 की रियल जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.6 प्रतिशत लगाया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि, अगर भारत सरकार के निवेश व्यय में बदलाव धीमा रहा तो तीसरी तिमाही की वृद्धि 6.5 प्रतिशत या उससे कम हो सकती है.
जुलाई-सितंबर तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही) में रियल जीडीपी वृद्धि दर घटकर 5.4 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछली तिमाही में यह 6.7 प्रतिशत थी. अक्टूबर और नवंबर के लिए उपलब्ध हाई फ्रिक्वेंसी डेटा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास गति के बारे में मिश्रित तस्वीर की ओर इशारा करते हैं. नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में 56.5 की नरम वृद्धि देखी गई, जबकि अक्टूबर में यह 57.5 थी। हालांकि, मजबूत अंतरराष्ट्रीय मांग और कारोबारी विश्वास में सुधार के कारण सेवा पीएमआई नवंबर 2024 में 58.4 पर लगभग स्थिर रही, जो अक्टूबर 2024 में 58.5 के स्तर के करीब है.
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में मोटर वाहनों की रिटेल बिक्री में 11.2 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि जारी रही. विशेष रूप से, दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टर की रिटेल बिक्री में वृद्धि देखी गई. ईवाई रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2024 में दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों ने क्रमशः 15.8 प्रतिशत और 29.9 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर दिखाई.
सीपीआई मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.2 प्रतिशत से घटकर नवंबर में 5.5 प्रतिशत हो गई, क्योंकि सब्जियों की कीमतों में कमी आई, जबकि कोर सीपीआई मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने 3.7 प्रतिशत पर स्थिर रही. थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति भी अक्टूबर में 2.4 प्रतिशत से घटकर नवंबर में 1.9 प्रतिशत हो गई. ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव के अनुसार, मध्यम अवधि में भारत की रियल जीडीपी वृद्धि की संभावनाएं 6.5 प्रतिशत प्रति वर्ष रखी जा सकती हैं, बशर्ते सरकार चालू वित्त वर्ष के शेष भाग में अपने पूंजीगत व्यय में वृद्धि को बढ़ाए और मध्यम अवधि के निवेश के साथ आए जिसमें "भारत सरकार और राज्य सरकारों और उनके संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं और निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र की भागीदारी हो. आईएएनएस