GDP को मिलेगी रफ्तार, वैश्विक मंदी के बावजूद मजबूत स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था, लंबी अवधि में जारी रहेगी तेजी
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बीते कुछ समय से ऐसी रिपोर्ट्स आई, जिसने संकेत दिए कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती रहने वाली है. बीते हफ्ते सरकार की ओर से जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए.
Indian Economic Growth: बीते कुछ समय से ऐसी रिपोर्ट्स आई, जिसने संकेत दिए कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती रहने वाली है. बीते हफ्ते सरकार की ओर से जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए. इन आंकड़ों ने भी निराश किया. सरकार की ओर से जारी किए गए जीडीपी ऐंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने अनुमान है. खास बात ये है कि ये आंकड़े बीते चार सालों में सबसे कम है. अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत दिए हैं.
भारत के विकास की रफ्तार
राजकोषीय समेकन, मजबूत बैंलेस शीट और खपत में रिकवरी से भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत बनी हुई है और लंबी अवधि में तेजी जारी रहेगी. चालू वित्त वर्ष में रियल जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत और नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 10-11 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई. ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मिराए एसेट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि एक प्रतिशत से कम के एनपीए के साथ बैंकों की स्थिति मजबूत बनी हुई है. भारतीय कंपनियां का मुनाफा बढ़ रहा है और साथ ही बड़ी मात्रा में फ्री कैशफ्लो भी जनरेट कर रही हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि घरेलू कर्ज भी वैश्विक मानकों के मुकाबले कम है. भारत का जीडीपी के मुकाबले कुल कर्ज 2010 के स्तर के नीचे बना हुआ है, जबकि वैश्विक स्तर पर इसमें इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है, "कुछ क्षेत्र, खास तौर पर औद्योगिक क्षेत्र, प्रीमियम पर कारोबार करते रहेंगे. खरीफ फसल और प्राइस आउटलुक अनुकूल होने के कारण कृषि में और सुधार आने की संभावना है. आगामी रबी फसल भी सकारात्मक रहने की संभावना है.
ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में अब तक विभिन्न रबी फसलों के तहत देश में बोया गया कुल कृषि क्षेत्र बढ़कर 632.3 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 631.4 लाख हेक्टेयर था. रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में सरकारी पूंजीगत व्यय में तेजी आने की संभावना है. ग्रामीण खपत में तेजी शहरी खपत में नरमी की भरपाई कर सकती है और यह मौजूदा फसल और अगले सीजन की शुरुआत की एक सकारात्मक तस्वीर पेश करती है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि हम यह भी उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार के कल्याणकारी खर्च से उपभोग में सुधार आएगा. मौद्रिक नीति प्रोत्साहन से निकट-मध्यम अवधि में विकास को बढ़ाने में मदद मिलेगी. आईएएनएस