PMI Index in March 2024: भारत के मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है. मार्च महीने में पीएमआई 16 साल के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है. फरवरी महीने के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग PMI 56.9 से बढ़कर 59.1 पर पहुंच गया है. अगर देश का पीएमआई का अच्छा होता है तो यह इकोनॉमी की मजबूती को दिखाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर देश का पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो इसका मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है. मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्टर ने वित्त वर्ष 2024 में शानदार प्रदर्शन किया है. इस बार की परफॉर्मेंस फरवरी 2008 के बाद सबसे ज्यादा है. 


इकोनॉमी पर होता है सीधा असर


पीएमआई का इकोनॉमी पर सीधा असर पड़ता है. इसको जीडीपी ग्रोथ रेट के पहले जारी किया जाता है. पीएमआई सर्विस सेक्टर समेत प्राइवेट सेक्टर की अनेक गतिविधियों पर आधारित होता है. इसमें शामिल तकरीबन सभी देशों की तुलना एक जैसे मापदंड के आधार पर की जाती है. 


5 फैक्टर्स पर आधारित होता है PMI


बता दें देश का पीएमआई 5 प्रमुख फैक्टर्स पर आधारित होता है. इन पांच प्रमुख कारकों में नए ऑर्डर, इन्‍वेंटरी स्‍तर, प्रोडक्‍शन, सप्‍लाई डिलिवरी और रोजगार वातावरण शामिल हैं. विनिर्माण उत्पादन मार्च में लगातार 33वें महीने बढ़ा है. अक्टूबर 2020 के बाद से इसमें सबसे ज्यादा ग्रोथ देखने को मिली है. 


एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक ग्रुप में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है. आपको बता दें नए ऑर्डर में लगातार आ रही तेजी की वजह से पीएमआई रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है. मार्च महीने के दौरान डिमांड में काफी तेजी देखने को मिली है. डिमांड भी 3.5 साल के रिकॉर्ड पर है. अमेरिका, एशिया, यूरोप समेत कई जगह अच्छी सेल्स देखने को मिली है. 


भाषा एजेंसी के साथ