FDI in India: भले ही शेयर बाजार में विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहे हो, वहां FII की बिकवाली हावी हो रही हो, लेकिन भारत के चुनिंदा सेक्टर्स ऐसे हैं, जहां विदेशी निवेशकों का निवेश बढ़ा है. भारत में बीते छह महीने में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट बढ़ा है.  सर्विस, कंप्यूटर, टेलिकॉम और फार्मा सेक्टर में FDI का प्रवाह सबसे अच्छा रहा है. अगर आंकड़ों को देखें तो चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर छमाही में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) सालाना आधार पर 45 प्रतिशत बढ़कर 29.79 अरब डॉलर के पार हो गया है. यानी अगर भारतीय रुपये में देखें तो छह महीने में देश में 2538195615000 रुपये का एफडीआई आया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देश में बढ़ा FDI 


अप्रैल-सितंबर में 29.79 अरब डॉलर रहा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, एफडीआई प्रवाह में 45 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि दर्ज. जो समान अवधि में पिछले वित्तीय वर्ष में  20.5 अरब डॉलर था.  एफडीआई से लाभ पाने वाले अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में सेवा, ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, आईटी हार्डवेयर, दूरसंचार और फार्मास्यूटिकल्स और रसायन शामिल रहे, एफडीआई प्रवाह से अर्थव्यवस्था में बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अधिक निवेश और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं.  


कहां कितना आया FDI 


चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सेवाओं में एफडीआई बढ़कर 5.69 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.85 बिलियन डॉलर था. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि गैर-पारंपरिक ऊर्जा में एफडीआई प्रवाह 2 अरब डॉलर रहा. चालू वित्त वर्ष के दौरान जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए एफडीआई प्रवाह 43 प्रतिशत बढ़कर 13.6 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की इसी तिमाही में यह 9.52 अरब डॉलर था. इससे पहले एफडीआई प्रवाह अप्रैल-जून तिमाही में 47.8 प्रतिशत बढ़कर 16.17 अरब डॉलर दर्ज किया गया था. 


किस राज्य को मिला सबसे ज्यादा पैसा  


राज्यवार आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-सितंबर 2024-25 के दौरान महाराष्ट्र में सबसे अधिक 13.55 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ.कर्नाटक में 3.54 अरब डॉलर, गुजरात में 3.94 अरब डॉलर, दिल्ली में 3.20 अरब डॉलर, तमिलनाडु में 1.62 अरब डॉलर, हरियाणा में 1.31 अरब डॉलर, तेलंगाना में 1.54 अरब डॉलर का प्रवाह रहा. 


किस देश से आया सबसे ज्यादा पैसा, किस देश ने खींचे हाथ  


चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर के दौरान मॉरीशस से 5.34 अरब डॉलर, सिंगापुर से 7.53 अरब डॉलर, अमेरिका से 2.57 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 3.58 अरब डॉलर, जापान से 1.19 अरब डॉलर, यूके से 188 मिलियन डॉलर, यूएई से 3.47 अरब डॉलर, केमैन आइलैंड्स 235 मिलियन डॉलर, साइप्रस से 808 मिलियन डॉलर और जर्मनी से 249 मिलियन डॉलर एफडीआई इक्विटी प्रवाह हुआ.  जापान और ब्रिटेन से प्रवाह में गिरावट आई.