नई दिल्ली: देश में तैयार फ्लैट या घर की मांग भविष्य में तेज बनी रहेगी. एक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि भारत में 2030 तक रीयल एस्टेट का बाजार 1 खबर डॉलर तक पहुंच जाएगा. इसके बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रियल एस्टेट बाजार बन जाएगा. सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि रीयल एस्टेट की ग्लोबल रैंकिंग में भारत की स्थिति में भी सुधार आ रहा है. इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. 


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हाल में केपीएमडी ने नार्डेको और अप्रिया के साथ मिलकर रीयल एस्टेट पर यह सर्वे कराया है और भारतीय परिदृश्य को देखते हुए वर्ष 2030 तक के लिए उपर्युक्त अनुमान लगाया है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक रीयल एस्टे के 650 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है. वर्ष 2028 तक इसका आकार 850 अरब डॉलर और 2030 तक 1 खरब डॉलर हो जाएगा. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2014 से रियल एस्टेट की स्थिति में सुधार प्रक्रिया का असर आगे भी देखने को मिलेगा.



6.6 करोड़ लोगों के लिए रोजगार होंगे
केपीएमडी के आसियान कॉरिडोर के प्रमुख नीरज बंसल ने कहा कि भारत में यह वृद्धि सस्ते मकानों और को-वर्किंग स्पेस से बढ़ावा मिल रही है. इस वृद्धि के चलते देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में औसत भारतीय का सालाना 67 फीसदी योगदान 2025 तक दोगुना हो जाएगा. साथ ही 6.6 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के मौके भी बनेंगे.



प्राइवेट इक्विटी निवेश में बढ़ोतरी
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के रीयल एस्टेट क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी निवेश में इस साल जनवरी से मार्च के दौरान 15 फीसदी के तेजी आई है और यह 3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इसके 2026 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है. रीयल एस्टेट का दायरा महानगरों और बड़े शहरों में तेजी से बढ़ेगा. देश के रीयल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेशकों ने अब तक 4 अरब डॉलर का निवेश किया है. औसतन सौदा 15 करोड़ डॉलर का रहा है, जो पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है.


(इनपुट एजेंसी से)