Meta Job: अरे! भारतीय मूल के इस शख्स ने छोड़ी 6.5 करोड़ रुपये की नौकरी, कारण जानकर हर किसी के उड़े होश
Job: ऐसे कई लोग हैं जो नौकरी की तलाश में रहते हैं. एक नौकरी मिल जाना उनके लिए बड़ी बात होती है. हालांकि आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने 6.5 करोड़ रुपये की नौकरी को भी छोड़ दिया. आइए जानते हैं इसके बारे में...
Facebook Job: लोग अच्छी पढ़ाई करते हैं ताकी उन्हें अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी मिल सके. कई लोगों को पढ़ाई के बाद अच्छा पैकेज मिलता है और सालाना लाखों रुपये की आमदनी भी हो जाती है. वहीं कुछ कंपनियां लोगों को करोड़ों रुपयों की सैलरी भी सालाना तौर पर ऑफर करते हैं. इतनी बड़ी सैलरी लोगों को उनके टैलेंट के दम पर ही मिल पाती है. ज्यादा सैलरी पाकर लोग खुद को सक्सेसफुल भी मानते हैं और अपने टैलेंट के दम पर बढ़िया काम भी करते हैं. हालांकि अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक भारतीय मूल के शख्स ने अपनी करोड़ों रुपये की नौकरी छोड़ दी. जितना उस शख्स की सैलरी थी, उतनी कमाई करना ज्यादातर लोगों को लिए अपनी पूरी जिंदगी में भी पॉसिबल नहीं हो पाता है.
करोड़ों में थी सैलरी
हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उस शख्स का नाम राहुल पांडे है. राहुल ने मेटा (फेसुबक) में अपनी नौकरी को साल 2022 में छोड़ दिया. उस दौरान वो कंपनी में टेक लीड और मैनेजर के पद पर काम कर रहे थे और सालाना 6.5 करोड़ रुपये की सैलरी हासिल कर रहे थे. इतनी सैलरी पर नौकरी छोड़ना किसी के लिए भी छोटी बात नहीं होगी.
करना पड़ा स्ट्रगल
वहीं कैलिफोर्निया में फेसबुक के लिए काम करते हुए राहुल ने बताया कि वहां काम करने के दौरान उन्हें काफी एंजाइटी का सामना करना पड़ा. राहुल ने लिंक्डइन पर शेयर करते हुए लिखा, "फेसबुक में शामिल होने के बाद पहले छह महीनों के लिए मैं बेहद चिंतित था. एक सीनियर इंजीनियर के रूप में मुझे इम्पोस्टर सिंड्रोम महसूस हुआ, मुझे कंपनी की संस्कृति और टूलींग के अनुकूल बनने में काफी स्ट्रगल करना पड़ा."
दूसरी नौकरी की करने लगे तलाश
इसके साथ ही राहुल ने बताया कि उन्होंने अपने साथ काम करने वाले लोगों से किसी भी प्रकार की मदद नहीं ली क्योंकि उन्हें लगा कि यह उसे ऐसे व्यक्ति के रूप में बाहर कर देगा जो वरिष्ठ इंजीनियर बनने के योग्य नहीं है. हालांकि इसके बाद कोरोना के दौरान राहुल फेसबुक के बाहर दूसरी नौकरी की तलाश करने लगे. वहीं साल 2022 में नौकरी छोड़ने के बाद राहुल ने खुद का स्टार्टअप शुरू किया. इसका नाम Taro रखा जो कि दूसरे सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अपना करियर आगे बढ़ाने में मदद करता है.