क्या है MITRA, SEBI ने द‍िया प्रस्‍ताव; जिससे भूले हुए म्युचुअल फंड निवेश को सर्च कर सकेंगे
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क्या है MITRA, SEBI ने द‍िया प्रस्‍ताव; जिससे भूले हुए म्युचुअल फंड निवेश को सर्च कर सकेंगे

SEBI: सेबी की तरफ से अपने कंसलटेशन लेटर में कहा गया क‍ि ‘म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्रिवल असिस्टेंट’ (MITRA) नाम के प्रस्तावित सर्व‍िस प्‍लेटफॉर्म का विकास रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट (RTA) करेगा. 

क्या है MITRA, SEBI ने द‍िया प्रस्‍ताव; जिससे भूले हुए म्युचुअल फंड निवेश को सर्च कर सकेंगे

What is MITRA: अगर आप भी कभी म्यूचुअल फंड (MF) में न‍िवेश करके भूल गए हैं या लंबे समय से बंद है तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, कैप‍िटल मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी (SEBI) की तरफ से न‍िवेशकों के इन-एक्‍ट‍िव और अनक्‍लेमड म्यूचुअल फंड (MF) फोलियो का आसानी से पता लगाया जा सकेगा. इसका पतला लगाने के ल‍िए सेबी ने एक सर्व‍िस प्‍लेटफॉर्म डेवलप करने का प्रस्ताव रखा है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की तरफ से अपने कंसलटेशन लेटर में कहा गया क‍ि ‘म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्रिवल असिस्टेंट’ (MITRA) नाम के प्रस्तावित सर्व‍िस प्‍लेटफॉर्म का विकास रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट (RTA) करेगा.

अनक्‍लेमड फोलियो में कमी लाने में मददगार बनेगा

प्रस्तावित प्‍लेटफॉर्म निवेशकों को भूले हुए एमएफ (MF) निवेश को खोजने, मौजूदा स्‍टैडर्ड के अनुसार केवाईसी (KYC) को अपडेट करने और धोखाधड़ी से भुनाने के र‍िस्‍क को कम करने को सुरक्षा उपायों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. इसके साथ ही यह प्‍लेटफॉर्म बिना दावे वाले म्यूचुअल फंड (MF) फोलियो में कमी लाने में मददगार बनेगा और एक पारदर्शी वित्तीय पारिस्थितिकी बनाने में योगदान देगा. सेबी ने कहा कि म्यूचुअल फंड निवेशक कभी-कभी अपने निवेश पर नजर नहीं रख पाते हैं. इसका कारण यह हो सकता है क‍ि इनवेस्‍टमेंट न्यूनतम केवाईसी (KYC) ब्योरे के साथ फ‍िज‍िकल रूप से किया गया हो.

इनएक्‍ट‍िव अकाउंट की कैटेगरी में चला जाता है इनवेस्‍टमेंट
ओपन-एंडेड ग्रोथ ऑप्शन वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश तब तक निवेशित रह सकता है जब तक कि निवेशक, उसका नामित व्यक्ति या वैध उत्तराधिकारी संबंधित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMC) से उसे कैश करने या ट्रांसफर करने के ल‍िए संपर्क न करे. पैन, ईमेल आईडी या वैल‍िड पता नहीं होने से यह भी संभव है कि ये एमएफ (MF) फोलियो यूनिटहोल्‍डर के इंटीग्रेटेड अकाउंट ड‍िटेल में दिखाई भी न दे रहा हो. ऐसे में न‍िवेशक की तरफ से क‍िया गया इनवेस्‍टमेंट इनएक्‍ट‍िव अकाउंट की कैटेगरी में चला जाता है.

प्‍लेटफॉर्म को आरटीए से डेवलप करने का प्रस्ताव रखा
इस तरह ये म्यूचुअल फंड खाते इनएक्‍ट‍िव हो जाते हैं जो फर्जीवाड़ा कर भुनाए जाने के लिहाज से बेहद संवेदनशील हो जाते हैं. इस चिंता को दूर करने के लिए सेबी (SEBI) ने इस सर्व‍िस प्‍लेटफॉर्म को आरटीए (RTA) की तरफ से डेवलप करने का प्रस्ताव रखा है. इस प्‍लेटफॉर्म को मैनेज दो पात्र आरटीए - कंप्यूटरएज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (CAMS) और केफिन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड संयुक्त रूप से कर सकते हैं. सेबी की तरफ से इस प्रस्ताव पर 7 जनवरी तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं.

क्‍या फायदा होगा?
सेबी (SEBI) की तरफ से इस प्‍लेटफॉर्म को लॉन्‍च क‍िया जाता है तो इसका फायदा ऐसे लोगों को सबसे ज्‍यादा होगा, ज‍िनके न‍िवेश को लंबा समय हो गया या फ‍िर वो इनवेस्‍टमेंट करके भूल गया. कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जब क‍िसी के पर‍िवार वालों की तरफ से न‍िवेश क‍िया गया था और वह क‍िसी कारण उसे न‍िकाल नहीं सके. या फ‍िर वो समय के साथ उसे भूल गए.

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