Indian Railway Interesting Facts: कई रेलवे स्टेशनों के नाम के पीछे जुड़ा है `रोड` शब्द, क्या आप जानते हैं उसका मतलब? बता पाए तो कहलाएंगे जीनियस
Indian Railway Interesting Facts: आपने कई रेलवे स्टेशनों के नाम के पीछे `रोड` शब्द लगा हुआ देखा होगा. आप इस नाम को देखकर अक्सर असमंजस में पड़ जाते होंगे और सोचते होंगे कि आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है.
Meaning of Word 'Road' Attached to Name of Railway Station: रेलवे में कई ऐसे संकेतों और प्रतीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनका अपने आप में खास अर्थ होता है. ये सब अपने पीछे काम की जानकारी समेटे होते हैं. आपने देश में कई ऐसे रेलवे स्टेशन देखे होंगे, जिनके नाम के पीछे रोड शब्द लगा हुआ है, जबकि असल में उन स्टेशनों के पीछे कोई रोड नहीं है. फिर उन स्टेशनों के नाम में यह शब्द क्यों जोड़ा गया है. यह महज सामान्य वाकया है या इसके पीछे कोई बड़ा अर्थ है. आइए भारतीय रेलवे की इस गुत्थी के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
स्टेशन के पीछे क्यों जुड़ा है 'रोड' का नाम
भारतीय रेलवे के जानकारों के पीछे रेलवे स्टेशनों (Indian Railway Interesting Facts) के नामों के पीछे रोड शब्द का इस्तेमाल लोगों को खास जानकारी देने के लिए किया जाता है. इसका मतलब ये होता है कि जिस रेलवे स्टेशन के पीछे रोड शब्द जुड़ा होता है, वह शहर से काफी दूर है और वहां तक जाने के लिए सड़क मार्ग का सहारा लेना होगा. दूसरे शब्दों में कहें तो जिस रेलवे स्टेशन के नाम के पीछे रोड शब्द जुड़ा होता है, वह मुख्य शहर से कई किमी दूर बना होता है.
भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी अनिमेष कुमार सिन्हा इसकी गुत्थी सुलझाते हुए कहते हैं, ‘रेलवे स्टेशन के साथ ‘रोड’ शब्द के जुड़े होने से यह स्पष्ट होता है कि शहर में जाने के लिए उस रेलवे स्टेशन से एक रोड जाती है, लिहाजा मेन सिटी में जाने के इच्छुक रेल यात्री उसी स्टेशन पर उतरें.’
3 से 100 किलोमीटर हो सकती है दूरी
रेलवे अफसरों के मुताबिक जिस स्टेशन (Indian Railway Interesting Facts) के पीछे रोड शब्द लगा हो, उस स्टेशन की मुख्य शहर से दूरी 3 किमी से लेकर 100 किमी तक हो सकती है. उदाहरण के लिए कोडाईकनाल रोड रेलवे स्टेशन से कोडाईकनाल शहर की दूरी करीब 80 किमी है. जबकि वसई रोड रेलवे स्टेशन से वसई इलाके की दूरी करीब 3 किमी ही है. जबकि रांची रोड रेलवे स्टेशन से रांची शहर करीब 49 किमी दूर और हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन से हजारीबाग शहर 66 किमी दूर बसा हुआ है.
शहरों से दूर क्यों बनाए गए रेलवे स्टेशन?
देश में कई जगहें ऐसी थीं, जहां पर रेल लाइन बिछाने में रेलवे (Indian Railway Interesting Facts) को मुश्किलें आ रही थीं. इससे बचने के लिए उन्होंने मेन सिटी से दूरी पर रेलवे स्टेशनों का निर्माण कर दिया. उदाहरण के लिए माउंट आबू पहाड़ पर भारतीय रेलवे को ट्रैक बिछाना बहुत खर्चीला काम लगा. इसके बाद आबू से करीब 27 किमी पहाड़ के नीचे रेलवे स्टेशन बनाया गया. उस स्टेशन को नाम माउंट आबू रोड रेलवे स्टेशन दिया गया. इसकी तरह कई जगहों पर ट्रेनों का रूट सही न बैठ पाने की वजह से उन्हें मुख्य शहरों से दूर बनाया गया, जिससे ट्रेनों को आने-जानें में ज्यादा परेशानी न झेलनी पड़ें.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी