Indian Railways Interesting Facts: आपने ट्रेनों में कई बार सफर किया होगा. आपने देखा होगा कि छोटी दूरी की यात्रा के लिए लोग अमूमन जनरल कोच में सफर करना पसंद करते हैं. इस कोच में सफर करने के लिए अडवांस बुकिंग की जरूरत नहीं होती. जिन लोगों को किसी वजह से अडवांस में सीट बुकिंग नहीं हो पाती, वे भी जनरल डिब्बे में सफर का विकल्प चुनते हैं. क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि जनरल डिब्बे आमतौर पर किसी ट्रेन के शुरू या आखिर में ही क्यों होते हैं. आइए आज यह रहस्य हम आपके सामने खोल ही देते हैं. 


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जनरल डिब्बों में रहती है ज्यादा भीड़


रेलवे के अधिकारी के मुताबिक ट्रेन के जनरल डिब्बों (General Coach In Train) में दूसरे कोचों की तुलना में ज्यादा भीड़ रहती है. उनमें हर स्टेशन से चढ़ने और उतरने वाले यात्री भी भारी संख्या में रहते हैं. ऐसे में अगर ये डिब्बे ट्रेन के बीच में लगा दिए जाएं तो सारी व्यवस्था चरमरा जाएगी. बाकी कोचों के यात्री न तो ट्रेन से आराम से उतर पाएंगे और न चढ़ पाएंगे. जनरल डिब्बों के यात्री उनमें जगह न मिलने पर दूसरे कोचों में घुसने की कोशिश करेंगे, जिससे हालात और बदतर हो जाएंगे. इसलिए जनरल कोच आमतौर पर ट्रेन के शुरू या अंत में ही लगाए जाते हैं.


रेलवे ने बताया जनरल डिब्बों का राज



जनरल कोच के डिब्बे (General Coach In Train) शुरू या आखिर में लगाने की एक अन्य वजह ये होती है कि कोई दुर्घटना होने पर बचाव-राहत अभियान चलाने में मदद मिल सके. अगर जनरल डिब्बे ट्रेन के बीच में लगे होंगे तो उसमें सवारी ज्यादा भरी होने की वजह से बचाव अभियान चलाने में दिक्कत आ सकती है. इसके साथ ही छोटी जगहों पर जाने वाले यात्रियों को अपने कोच ढूंढने में दिक्कत न हो, इसके लिए जनरल डिब्बों को ट्रेन के शुरू या आखिर में लगाया जाता है. 


शख्स ने रेलवे से पूछा था सवाल


असल में एक शख्स ने ट्वीट करके रेलवे से इस संबंध में सवाल पूछा था. उसने कहा था कि 24 डिब्बों वाले ट्रेन में जनरल कोच न के केवल 2 ही डिब्बे थे. वे डिब्बे भी ट्रेन में सबसे आगे और पीछे लगे थे. शख्स का कहना था कि ऐसा शायद इसलिए किया जाता है कि एक्सिडेंट होने पर सबसे पहले जनरल डिब्बे में बैठे गरीब लोग ही नुकसान झेलें. इस पर रेलवे के एक अधिकारी ने जनरल डिब्बो को ट्रेन के आगे और पीछे लगाने का रहस्य बताते हुए शख्स के आरोपों को गलत बताया था. 


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