Indian Railways: रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव का ऐतिहासिक फैसला! अब तक कोई रेल मंत्री नहीं कर पाया ये काम
Railway Board: रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री बनने के बाद कई बड़े फैसले ले चुके हैं. इससे पहले उन्होंने रेलवे कोच को लेकर बड़ा फैसला लिया था. ट्रेन को आधुनिक बनाने के साथ ही बीमार यात्रियों का भी खास ख्याल रखने का फैसला किया गया.
Indian Railways Latest Update: रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उनकी तरफ से किए गए बदलावों में नई ट्रेनें शुरू करना, स्टेशनों का कायाकल्प और वीआईपी कल्चर खत्म करने समेत कई कदम हैं. पिछले दिनों रेल मंत्रालय की तरफ से फैसला किया गया कि अधिकारियों के कमरों की मेज पर घंटी नहीं रहेगी. रेलवे मिनिस्टर के इस फैसले को विभाग में लागू भी कर दिया गया है. इस फैसले के अनुसार अधिकारियों को यदि अटेंडेंट को बुलाना है तो इसके लिए उन्हें उठकर कमरे से बाहर जाना होगा.
मंत्री सेल में लागू किया गया फैसला
इसके अलावा अधिकारी के बिजी होने पर उन्हें फोन से अटेंडेंट को बुलाना होगा. रेलवे मंत्रालय का यह फैसला अभी मंत्री सेल में लागू हुआ है. संभावना की जा रही है कि इसे जल्द ही रेलवे बोर्ड में भी लागू कर दिया जाएगा. रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री बनने के बाद कई बड़े फैसले ले चुके हैं. इससे पहले उन्होंने रेलवे कोच को लेकर बड़ा फैसला लिया था. ट्रेन को आधुनिक बनाने के साथ ही बीमार यात्रियों का भी खास ख्याल रखने का फैसला किया गया.
सेवाओं की बेहतरी के लिए लगातार काम हो रहा
आपको बता दें रेलवे की तरफ से सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. इसमें सर्विस में सुधार के साथ ही कोच के बेहतर डिजाइन से लेकर ट्रेन की रफ्तार, प्लेटफॉर्म और ट्रेन कोच की सफाई पर ध्यान दिया गया है. अब रेलवे ने सफर में यात्रियों के कई ऑप्शन रखे हैं. इस लिहाज से रेलवे ने सफर में यात्रियों की सेहत का ख्याल रखते हुए यात्रा के दौरान सुविधाएं देने का फैसला किया है.
देश को रेलवे का नया रूप देखने को मिलेगा
रेलवे मंत्री ने यह भी कहा था कि आने वाले सालों में देश को रेलवे का नया रूप देखने को मिलेगा. उन्होंने राज्यसभा में भी यह बताया था कि सभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त मेडिकल बॉक्स उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया गया है. इतना ही नहीं फ्रंट लाइन स्टॉफ यानी ट्रेन टिकट परीक्षक, ट्रेन गार्ड और अधीक्षक, स्टेशन मास्टर आदि को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
यात्रियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए रेलवे सभी स्टेशनों पर नजदीकी अस्पतालों और डॉक्टरों की लिस्ट उनके संपर्क नंबरों के साथ उपलब्ध है. इसी के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली रैपिड रेल के कोच में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है. यदि किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो उसे रैपिड रेल से भी कम खर्च में लाया जा सकता है.