रुपये में लगातार गिरावट के बीच एक बार फिर घटा देश का विदेशी खजाना, विदेशी मुद्रा में कमी की क्या है वजह?
विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है. इस गिरावट का कारण रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए आरबीआई का विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन को माना जा रहा है.
India's Foreign Exchange Reserves: साल 2024 के आखिरी सप्ताह में भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. 27 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.11 अरब डॉलर घटकर 640.28 अरब डॉलर रहा. इससे पिछले सप्ताह में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8.48 अरब डॉलर घटकर 644.39 अरब डॉलर पर आ गया था.
विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है. इस गिरावट का कारण रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए आरबीआई का विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन को माना जा रहा है.
सितंबर में उच्चतम स्तर पर था विदेशी मुद्रा भंडार
सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 27 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.64 अरब डॉलर घटकर 551.92 अरब डॉलर रह गईं.
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है. समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 54.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 66.27 अरब डॉलर हो गया.
IMF के पास जमा रिजर्व भंडार में कोई बदलाव नहीं
विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.2 करोड़ डॉलर घटकर 17.87 अरब डॉलर रहा. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 4.22 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा.
रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को चार पैसे टूटकर 85.79 (अस्थायी) के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ. आयातकों की ओर से मजबूत डॉलर मांग और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि 2024 के दौरान अधिकांश मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती दर्ज की गई और इस साल भी इसमें मजबूती बनी हुई है. अमेरिकी डॉलर सूचकांक महत्वपूर्ण 109 अंक को पार कर गया है.