नई दिल्ली: नीति आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार ने मूडीज द्वारा रेटिंग बढ़ाये जाने को देश की वृद्धि की प्रतिछाया करार दिया. उन्होंने उम्मीद जतायी कि एसएंडपी और फिच जैसी वैश्विक एजेंसियां भी इसका अनुसरण करेंगी. कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग सुधारा जाना देश की वृद्धि का परिचायक है और यह न्यूइंडिया के आर्थिक सिद्धांतों का अनुमोदन करता है. उम्मीद है कि अन्य एजेंसियां भी इसका अनुसरण करेंगी.’’ आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास ने भी एक ट्वीट में कहा, ‘‘मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार किया है. यह आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों, अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की सुस्पष्ट पहल, कारोबारी माहौल में सुधार और सकारात्मक वृद्धि परिदृश्य को स्पष्ट मान्यता मिलना है.’’ 



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मूडीज ने भारत की रेटिंग को बढ़ाकर किया 'बीएए2', कर्ज के भारी दबाव को लेकर दी चेतावनी


इससे पहले अमेरिका स्थित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों से घरेलू अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होने के कारण देश की रेटिंग एक पायदान बढ़ाकर शुक्रवार (17 नवंबर) को ‘बीएए2’ कर दी.रेटिंग में यह सुधार 13 वर्ष बाद हुआ है. इससे पहले 2004 में देश की रेटिंग सुधारकर ‘बीएए3’ की गयी थी. वर्ष 2015 में उसने रेटिंग परिदृश्य को सकारात्मक से स्थिर किया था. बीएए3 रेटिंग निवेश श्रेणी का सबसे निचला दर्जा है. मूडीज ने अपने बयान में कहा, ‘‘रेटिंग में सुधार का यह निर्णय मूडीज की इस उम्मीद पर आधारित है कि आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों में सतत प्रगति से आने वाले समय में भारत की तेज आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होंगी.


इससे सरकार के ऋण के लिए स्थिर एवं बड़ा वित्तीय आधार तैयार होगा और यह मध्यम अवधि में सरकार के ऋण दबाव में क्रमिक कमी लाएगा.’’ सार्वभौम रेटिंग किसी भी देश के निवेश माहौल का सूचक होता है. यह निवेशकों को किसी देश में निवेश से संबंधित जोखिमों से अवगत कराता है. इन जोखिमों में राजनीतिक जोखिम भी शामिल होता है.


लंबे समय से भारत को रेटिंग एजेंसियां निवेश की सबसे निचली श्रेणी ‘बीएए3’ में रखती आयी हैं. मूडीज ने अब इसे एक पायदान ऊपर किया है. रेटिंग में यह सुधार ऐसे समय में किया गया है जब कुछ ही दिनों पहले विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत का स्थान 30 पायदान ऊपर कर 100 कर दिया गया था.


(इनपुट एजेंसी से भी)